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गलतफहमी में जलायी गयी थी प्रोफेसर की कार

गलतफहमी में जलायी गयी थी प्रोफेसर की कारहेडलाइन…बेलवाटिका के संवेदक थे निशाने परगिरफ्तार माओवादी समर्थक के बयान से हुआ खुलासाफोटो-7 डालपीएच-31कैप्सन-प्रेस क्रांफेंस में जानकारी देते डीएसपीप्रतिनिधि, मेदिनीनगर. नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रभारी प्रो एनके सिंह की कार गलतफहमी में जली थी. दरअसल माओवादियों के निशाने पर बेलवाटिका के संवेदक कृष्णा सिंह […]

गलतफहमी में जलायी गयी थी प्रोफेसर की कारहेडलाइन…बेलवाटिका के संवेदक थे निशाने परगिरफ्तार माओवादी समर्थक के बयान से हुआ खुलासाफोटो-7 डालपीएच-31कैप्सन-प्रेस क्रांफेंस में जानकारी देते डीएसपीप्रतिनिधि, मेदिनीनगर. नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रभारी प्रो एनके सिंह की कार गलतफहमी में जली थी. दरअसल माओवादियों के निशाने पर बेलवाटिका के संवेदक कृष्णा सिंह थे. उन्हीं के घर के बगल में प्रो सिंह का भी घर है. उनके घर के बाहर उनकी कार खड़ी थी. जिसे माओवादी समर्थकों ने संवेदक कृष्णा सिंह की कार समझ कर आग के हवाले कर दिया था. इस पूरे मामले का खुलासा इस मामले में शामिल दो लोगों के पकड़े जाने के बाद हुआ है. पुलिस उपाधीक्षक प्रभातरंजन बरवार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि लेस्लीगंज पुलिस ने इस मामले में कोटखास गांव के रोहित कुमार सिंह व चंदन पासवान को पकड़ा. इनलोगों के पास से एक देसी पिस्तौल, दो कारतूस व एक मोबाइल पकड़ा गया. पकड़े जाने के बाद यह खुलासा हुआ कि ये दोनों युवक माओवादी के समर्थक हैं. जो छह-सात लोगों का समूह बनाकर लेस्लीगंज इलाके में माओवादी के संदेशवाहक की भूमिका निभाते हैं. साथ ही ठेकेदारों से लेवी वसूलते हैं. जरूरत पड़ने पर ये लोग वैसे इलाकों में घटना को अंजाम देते हैं, जहां आमतौर पर नक्सलियों का पहुंचना थोड़ा मुश्किल होता है. इस गिरोह का नेतृत्व मल्लिक सिंह द्वारा किया जाता है. डीएसपी श्री बरवार ने बताया कि पकड़े गये माओवादी समर्थक निरंतर माओवादियों के विकेश जी, श्रवण यादव, राहुल जी आदि के संपर्क में रहते हैं. मोबाइल पर बात होती है, और वहां से निर्देश मिलने के बाद ये लोग घटना को अंजाम देते हैं. प्रोफेसर श्री सिंह के कार आगलगी की घटना में पूर्व में राजेंद्र यादव को पकड़ा गया था. उसके बाद इन दोनों को पकड़ा गया. पकड़े जाने के बाद पुलिस को दिये गये बयान में खुलासा किया है कि प्रोफेसर के कार जलाने की कोई मंशा नहीं थी. वे लोग यह समझ नहीं पाये कि जो कार खड़ी है, वह संवेदक की नहीं है. क्योंकि संगठन को संवेदक कृष्णा सिंह द्वारा लेवी नहीं पहुंचायी गयी थी. इसलिए उन्हें चेतावनी देने का निर्णय हुआ था. इसी के तहत परचा फेंका गया था और कार को जलाया गया था. डीएसपी श्री बरवार ने बताया कि इस घटना में जो अन्य लोग शामिल है, उनकी गिरफतारी के लिए छापामारी की जा रही है. प्रेस कांफ्रेंस में लेस्लीगंज थाना प्रभारी निरंजन उरांव मौजूद थे.

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