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शिकायत लेकर मंत्री के पास पहुंचे शिबू सोरेन के क्लास के साथी

शिकायत लेकर मंत्री के पास पहुंचे शिबू सोरेन के क्लास के साथी कृषि मंत्री के जनता दरबार में तरह-तरह की फरियाद लेकर पहुंचे लोगरांची. कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह के जनता दरबार में पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के क्लास के मित्र नीलमणि मिश्र भी आये. उन्होंने दावा किया कि मैट्रिक तक उन्होंने गोला हाई स्कूल […]

शिकायत लेकर मंत्री के पास पहुंचे शिबू सोरेन के क्लास के साथी कृषि मंत्री के जनता दरबार में तरह-तरह की फरियाद लेकर पहुंचे लोगरांची. कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह के जनता दरबार में पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के क्लास के मित्र नीलमणि मिश्र भी आये. उन्होंने दावा किया कि मैट्रिक तक उन्होंने गोला हाई स्कूल में शिबू सोरेन के साथ पढ़ाई की है. गोला गांव में ही उनकी पुश्तैनी जमीन है. उसमें पड़ोसी परम महतो और लखन महतो ने नाली खोल दिया है. वे उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. उनको घर से निकाल देना चाहते हैं. स्थानीय विधायक सह मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पास भी गये थे. उनके यहां से भी कोई राहत नहीं मिली. मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को लगे जनता दरबार में कुछ 97 मामले आये. बेटे को शिक्षक ने मारा, इलाज में खर्च हुआ दो लाख बरही, हजारीबाग की लहरा खातून अपने बेटे को साथ लेकर आयी थी. उनके बेटों की मुनम पब्लिक स्कूल की शिक्षिका ने पिटाई कर दी थी. इससे तीसरी कक्षा के छात्र अलतमस खान का सिर फट गया था. शिक्षक पर कार्रवाई भी नहीं हुई. बच्चे का इलाज सेवा सदन और रानी हॉस्पिटल में किया गया. इस पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च आया. मंत्री ने इलाज का खर्च भुगतान करने का आदेश हजारीबाग के सिविल सर्जन को दिया. मकान मालिक ने जबरन खाली करवाया घर सेना से रिटायर एसएन प्रसाद मकान मालिक और डीएसपी सतवीर सिंह के खिलाफ शिकायत लेकर आये थे. उन्होंने बताया कि पिछले साल दिसंबर माह में 70 साल की मकान मालिक ने प्रशासन का सहारा लेकर जबरन कांके रोड डैम साइट स्थित घर को खाली करा दिया है. इसकी शिकायत लेकर गोंदा थाने गया, तो डीएसपी सतवीर सिंह ने मारपीट की. प्रशासन मकान मालिक सुनीता सिन्हा और डीएसपी पर कार्रवाई नहीं कर रही है. मंत्री ने डीअाइजी से बात कर मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया. बहन को घर नहीं आने देते हैं ससुराल वाले गया के दिनेश पांडेय ने मंत्री को बताया कि उनकी बहन चुनचुन देवी की शादी 2012 में चतरा निवासी राकेश शर्मा से हुई थी. ससुराल वाले बहन से नहीं मिलने देते हैं. बच्चा से भी मिलने नहीं दिया जाता है. विदाई भी नहीं कराते हैं. इस मामले में थाने में शिकायत भी की गयी है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. मंत्री ने चतरा के एसपी से बात कर सहयोग करने का निर्देश दिया. बेटी की शादी करनी है, जमीन नहीं बिक रहासिमडेगा की बैजंती देवी अपनी जमीन सामान्य जाति के लोगों को बेचने की अनुमति मांगने मंत्री के पास आयी थी. उन्होंने मंत्री को बताया कि उनके पास सिमडेगा शहर में 94 डिसमिल जमीन है. अनुसूचित जाति का होने के कारण उनकी जमीन की कीमत नहीं मिल रही है. 28 साल की बेटी की शादी करनी है. घर भी बनाना है. जमीन रहने के बावजूद काम नहीं हो रहा है. सरकार उनकी जमीन को सामान्य जाति के लोगों के हाथ में बेचने की अनुमति दे. बंधु की शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण मांडर इलाके के कुछ ग्रामीण पूर्व विधायक बंधु तिर्की की शिकायत लेकर भी आये. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बंधु तिर्की ने जबरदस्ती अखाड़ा बनवा दिया है. मंत्री ने डीसी से बात कर पूरे मामले की जांच का आदेश दिया. जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं दलालकांटा टोली, रांची की शाहजहां परवीन ने मंत्री को बताया कि कुछ दलाल उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. करीब 70-80 साल से उनके परिजन खासमहल की इस जमीन पर रहते थे. गोंदा थाने में मेरे और मेरे भाई पर केस कर दिया गया था. मेरा भाई जेल चला गया था. हम लोगों के साथ मारपीट भी की जाती है. अनुकंपा में नौकरी नहीं मिल रही बीएयू के मृत कर्मचारी के कुछ परिजन अनुकंपा में नौकरी की मांग को लेकर आये थे. उनका कहना था कि 17 लोगों का नियुक्ति पत्र भी निकल गया था. बाद में इस अादेश को वापस ले लिया गया. संचिका सचिवालय भेज दी गयी है. आठ माह से इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है. मंत्री ने विभागीय सचिव से बात कर मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया. .. नहीं तो कर देंगे वोट बहिष्कार खरसावां के कुछ ग्रामीणों ने मंत्री से पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनके एरिया को शहरी क्षेत्र से ग्रामीण में कर दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में कोई सुविधा नहीं मिलती नहीं है. इसमें सुधार नहीं किया गया, तो कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा. बेटे की पढ़ाई की व्यवस्था के लिए आया पूर्व एरिया कमांडरचतरा इलाके के माओवादियों का पूर्व एरिया कमांडर पोखराज सिंह भी दरबार में आया था. उसने सरेंडर करने के बाद एक बच्चे की पढ़ाई का खर्च सरकार से नहीं मिलने की बात कही. बताया कि 2.5 लाख रुपये मुआवजा मिला था. एक बच्ची का नामांकन कस्तूरबा गांधी स्कूल में हो गया है. दूसरा निजी स्कूल में पढ़ता है. उसका खर्च नहीं मिल रहा है. मंत्री ने डीसी से बात कर दूसरे बच्चे की पढ़ाई की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.

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