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सरेंडर करनेवाले नक्सलियों पर दर्ज मामला वापस करेगी सरकार

सरेंडर करनेवाले नक्सलियों पर दर्ज मामला वापस करेगी सरकार इंट्राेझारखंड सरकार ने नक्सलियाें काे मुख्यधारा में लाने की काेशिश शुरू कर दी है, जिसके तहत समर्पण करनेवालाें पर दर्ज मामले वापस लिये जायेंगे. जानकार इसे राज्य आैर देशहित में अच्छी पहल मान रहे हैं.सुरजीत सिंह, रांचीमुख्यधारा में शामिल होनेवाले भाकपा माओवादी के नक्सलियों के खिलाफ […]

सरेंडर करनेवाले नक्सलियों पर दर्ज मामला वापस करेगी सरकार इंट्राेझारखंड सरकार ने नक्सलियाें काे मुख्यधारा में लाने की काेशिश शुरू कर दी है, जिसके तहत समर्पण करनेवालाें पर दर्ज मामले वापस लिये जायेंगे. जानकार इसे राज्य आैर देशहित में अच्छी पहल मान रहे हैं.सुरजीत सिंह, रांचीमुख्यधारा में शामिल होनेवाले भाकपा माओवादी के नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामले सरकार वापस करेगी. इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. इस क्रम में सरकार ने स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) रैंक के नक्सली के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस करने का फैसला लिया है. इस सिलसिले में सरकार के स्तर से पलामू, लातेहार व लोहरदगा के उपायुक्त को पत्र भी लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि मुकदमा वापसी के लिए लोक अभियोजक को निर्देश दें. ताकि वह सीआरपीसी की धारा 321 के तहत कार्रवाई शुरू करें. बड़े नक्सलियाें के खिलाफ मुकदमा वापस करने का फैसला नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने और राज्य में सुरक्षा का वातावरण तैयार करने के मद्देनजर राज्यहित में लिया गया है. जानकारी के मुताबिक भाकपा माओवादी के सैक सदस्य के खिलाफ दर्ज मामला को वापस करने के लिए खुद नक्सली ने और उसके पिता ने आवेदन दिया है, जिसके आधार पर पलामू, लातेहार और लोहरदगा के एसपी ने मुकदमा वापसी की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय को भेजी थी. तीनों जिलों के एसपी की अनुशंसा की समीक्षा करने के बाद डीजीपी डीके पांडेय ने अपनी अनुशंसा सरकार को भेज दी है. 25 लाख का इनामजिस सैक सदस्य पर दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गयी है, उसके खिलाफ 25 लाख रुपये का इनाम है. हाल ही में सरकार ने भाकपा माओवादी के सैक सदस्यों पर 25 लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी. सरकार ने पुनर्वास नीति के तहत ये फैसले लिये हैं. क्या-क्या मिलेगासरकार की सरेंडर पॉलिसी के मुताबिक जोनल कमांडर व उससे ऊपर के नक्सलियाें के सरेंडर करने पर पुनर्वास अनुदान के रूप में पांच लाख रुपये देने का प्रावधान है. इसमें से एक लाख रुपये का भुगतान तत्काल दिया जाना है, जबकि शेष चार लाख रुपये का भुगतान सरेंडर करने के एक वर्ष व दो वर्ष पूरा होने पर दो किस्तों में किया जाना है. सरेंडर करनेवाले नक्सलियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए एक वर्ष तक पांच हजार रुपया प्रति माह दिया जायेगा. ऐसे नक्सलियों के बच्चों की शिक्षा के लिए प्रति वर्ष 25 हजार रुपया देने का भी प्रावधान है. एक करोड़ का इनामसरकार ने हाल ही में भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो व केंद्रीय कमेटी सदस्याें (सीसी मेंबर) पर जारी 25 लाख रुपये की इनाम की राशि को एक करोड़ करने का फैसला लिया है. 23 सितंबर को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी की थी. सरेंडर पॉलिसी में सरेंडर करनेवाले नक्सलियों को ही उसके उपर दी जाने वाली राशि देने का भी प्रावधान है.

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