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मील का पत्थर साबित होगा कोर्स

मेदिनीनगर : राज्य सरकार ने युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया है. इसके तहत कालेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाया जायेगा. इसके लिए सरकार ने एक्सेल प्रोग्राम शुरू किया है. इस प्रोग्राम के तहत मंगलवार को नीलांबर-पीताबर विश्वविद्यालय की […]

मेदिनीनगर : राज्य सरकार ने युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया है. इसके तहत कालेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाया जायेगा. इसके लिए सरकार ने एक्सेल प्रोग्राम शुरू किया है. इस प्रोग्राम के तहत मंगलवार को नीलांबर-पीताबर विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई योधसिंह नामधारी महिला कॉलेज में ओरिएंटल कार्यक्रम हुआ. इसका उदघाटन विवि के कुलपति डॉ एसएन सिंह ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या डॉ मोहिनी गुप्ता व संचालन डॉ विभा पांडेय ने किया.

मुख्य अतिथि कुलपति डॉ सिंह ने कहा कि सरकार ने युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए जो एक्सेल प्रोग्राम शुरू किया है, वह सही मायने में मील का पत्थर साबित होगा. देश में 60 प्रतिशत से अधिक युवा है. सरकार का यह प्रयास है कि युवाओं के अंदर जो छिपी हुई शक्ति व क्षमता है, उसका सही दिशा में विकास किया जाये. यदि देश के युवा हुनरमंद बनेंगे, तो निश्चित रूप से देश का विकास तेजी से होगा. साथ ही रोजगार की समस्या का भी समाधान हो जायेगा. इसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने कॉलेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे युवाओं को हुनरमंद बनाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि सभी युवाओं को सरकारी नौकरी दे पाना सरकार के लिए संभव नहीं है.
इसलिए निजी क्षेत्र के साथ-साथ स्वरोजगार के लिए यह जरूरी है कि युवा हुनरमंद बने. वर्तमान समय की यही मांग है. विद्यार्थियों को जिस विषय में अधिक रुचि हो, उसी विषय से एक्सेल कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान के स्टेट कोर्डिनेटर डॉ रमन बल्लभ ने एक्सेल कोर्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बताया कि सरकार ने कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के तहत इंपालाइज एवलिटी एक्सलेंस विथ कॉलेज एजुकेशन एंड लर्निंग (एक्सेल) का कोर्स शुरू किया है. यह कोर्स राज्य के सभी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कॉलेजों में लागू होगी.
405 घंटे के इस कोर्स के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के उद्योग धंधे के बारे में जानकारी दी जायेगी. साथ ही उन्हें उनका स्किल डेवलप किया जायेगा. कई तरह की तकनीकी जानकारी भी दी जायेगी. मेहनत करने वाले विद्यार्थी इसमें सफल होंगे.संस्था के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अविनाश आनंद व प्रदीप कुमार ने राज्य सरकार के एक्सेल परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बताया कि राज्य के 100 कॉलेजों के 51 हजार विद्यार्थियों के लिए यह परियोजना शुरू की गयी है. अंग्रेजी के साथ-साथ कंप्यूटर व अन्य तकनीकी जानकारी दी जायेगी. इस कोर्स के तहत कैरियर स्किल्स के साथ-साथ रोजगार के बारे में भी बताया जायेगा.
यह कोर्स ट्रेनिंग लिंक नहीं है, बल्कि बेसमेंट लिंक प्रोग्राम है.स्नातक व पीजी के विद्यार्थियों के लिए यह सुनहरा अवसर है. इस प्रोग्राम में 40 डोमिंस कोर्स शामिल है. प्रावधान व मापदंड के अनुसार कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थियों को निश्चित रूप से रोजगार मिलेगा. जरूरत है युवाओं को अपनी सोच बदलने की और अपने कैरियर निर्माण की दिशा में सक्रिय होकर काम करने की. मौके पर डॉ कुमार वीरेंद्र, डॉ एसएन उपाध्याय, डॉ छाया चटर्जी, डॉ मनोरमा सिंह के अलावा विद्यालय की छात्राएं मौजूद थे.

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