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घायल की मौत पर अस्पताल में घमसान

विरोध . ग्रामीणों का आरोप देर से अस्पताल पहुंचे चिकित्सक सड़क दुर्घटना में घायल की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो जाने पर लोगों ने जमकर हंगामा मचाया. परिजनों ने चिकित्सक पर चप्पल भी उठाया, लेकिन कुछ लोगों ने बीच बचाव कर चिकित्सक को बचा लिया. लेकिन अस्पताल की सूरत ही बदल गयी. हिरणपुर […]

विरोध . ग्रामीणों का आरोप देर से अस्पताल पहुंचे चिकित्सक
सड़क दुर्घटना में घायल की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो जाने पर लोगों ने जमकर हंगामा मचाया. परिजनों ने चिकित्सक पर चप्पल भी उठाया, लेकिन कुछ लोगों ने बीच बचाव कर चिकित्सक को बचा लिया. लेकिन अस्पताल की सूरत ही बदल गयी.
हिरणपुर : थाना क्षेत्र के हिरणपुर-कोटालपोखर मुख्य पथ स्थित बरमसिया गांव के समीप हुए दुर्घटना में घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिरणपुर लाये जाने के पश्चात चिकित्सकों के गायब रहने पर गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने मंगलवार को अस्पताल परिसर में जम कर हंगामा किया.
ग्रामीणों का गुस्सा तब सातवें आसमान पर चला गया जब उपरोक्त घटना में घायल 42 वर्षीय निर्मल मंडल की चिकित्सा के अभाव में अस्पताल परिसर में ही तड़प-तड़प कर मौत हो गई. हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि निर्मल मंडल की मौत अस्पताल पहुंचने के पूर्व ही हो गयी है. जबकि प्रत्यक्षदर्शियों व ग्रामीणों का कहना है कि जिस समय निर्मल मंडल को अस्पताल परिसर लाया गया था, वह घायलावस्था में तड़प रहा था.
यदि अस्प्ताल में समय पर चिकित्सक मिल जाते और समय रहते इसका इलाज शुरू हो जाता तो शायद इसकी जान बच सकती थी. वहीं निर्मल मंडल के मौत के बाद परिजन भी काफी आक्रोशित हो उठे. इतना ही नहीं गुस्साये लोगों द्वारा अस्पताल परिसर में जम कर हंगामा करते हुए तोड़-फोड़ भी किया. हालांकि सूचना मिलते ही थाना प्रभारी सदल-बल अस्पताल परिसर पहुंच कर आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया.
लेकिन गुस्साये ग्रामीण पुलिस की एक भी नहीं सुनी. इधर लगभग एक घंटे के पश्चात सूचना पाकर अस्पताल पहुंचे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सतीश चंद्र सिंह को भी परिजनों व ग्रामीणों का कोपभाजन होना पड़ा. मृतक के परिजनों ने तो अपना आपा खोते हुए पुलिस की मौजूदगी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सतीश चंद्र सिंह पर पिटाई के लिए चप्पल तक उठा डाला.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों द्वारा चिकित्सक व अन्य अस्पताल कर्मी के साथ हाथापाई तक कर डाला. बाद में पुलिस ने सूझ-बूझ से काम लेते हुए मामले को शांत कराने का काम किया. इधर मौके पर एसडीपीओ संतोष कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी मो जफर हसनात, लिट्टीपाड़ा थाना प्रभारी संतोष कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया.
वहीं बीडीओ द्वारा पारिवारिक लाभ योजना के तहत तत्काल 10 हजार रुपये का मुआवजा पीड़ित परिवार को दिया गया. साथ ही मामले को लेकर कार्रवाई किये जाने के आश्वासन के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ. जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए पाकुड़ भेजा.

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