आज भी उपेक्षित हैं जनजाति पहाड़िया
पाकुड़ : इंदिरा आवास योजना के समान जिले में बिरसा आवास निर्माण योजना भी बिचौलियों की भेंट चढ़ गयी.
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद समेकित जनजाति विकास अभिकरण बिरसा आवास योजना के लक्ष्य को किसी भी वित्तीय वर्ष में शत प्रतिशत हासिल नहीं किया जा सका. प्रशासन व अभिकरण की अनदेखी के कारण इस योजना के लाभुक आदिम जनजाति पहाड़िया आज भी उपेक्षित हैं.
जिले के अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर आदि स्थानों में रहने वाले सैकड़ों पहाड़िया जनजाति के बिरसा आवास योजना के लाभुक एक छत के लिए इधर उधर भटक रहे हैं.अधिकांश बिरसा आवास योजना का लाभ वित्तीय वर्ष 2007-08 से अब तक योजना के लाभुकों को शत प्रतिशत नहीं मिल पाया है.