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फर्जी ग्रामसभा के सहारे बन रही पानी पंचायत किसानों की परेशानी समझनेवाला कोई नहीं

कुड़ू : भूमि सरंक्षण विभाग लोहरदगा द्वारा जल संरक्षण को लेकर तालाब के जीर्णोद्धार का काम कराया जा रहा है़ लेकिन इसके लिए विभाग ने सभी कायदे-कानून को हाशिये पर रख दिया है. भूमि सरंक्षण विभाग द्वारा तालाब जीर्णोद्धार कार्य के संचालन के लिए बनायी गयी लाभुक समिति गड़बड़ी की पोल खोल रही है. फर्जी […]

कुड़ू : भूमि सरंक्षण विभाग लोहरदगा द्वारा जल संरक्षण को लेकर तालाब के जीर्णोद्धार का काम कराया जा रहा है़ लेकिन इसके लिए विभाग ने सभी कायदे-कानून को हाशिये पर रख दिया है. भूमि सरंक्षण विभाग द्वारा तालाब जीर्णोद्धार कार्य के संचालन के लिए बनायी गयी लाभुक समिति गड़बड़ी की पोल खोल रही है.
फर्जी ग्रामसभा कर बनाये गये पानी पंचायत (लाभुक समिति) के कारण किसान, तालाब के असपास के ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों, किसानों की परेशानी को समझने वाला कोई नहीं है. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी पूरे मामले मे तमाशबीन बने हुए हैं. फर्जी ग्रामसभा द्वारा बनाये गये पानी पंचायत के लाभुक बिचौलिये के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं. बिचौलिये, जनप्रतिनिधियों तथा नेताओं के गठजोड़ के कारण जैसे-तैसे तालाबों का जीर्णोद्धार करा कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है. आलम यह है कि किसी भी तालाब में प्राक्कलन के अनुसार काम नहीं हो रहा है.
पानी पंचायत गठन के लिए क्या है प्रावधान
भूमि सरंक्षण विभाग द्वारा तालाब जीर्णोद्धार के लिए पानी पंचायत (लाभुक समिति) का गठन तथा काम कराने के लिए राज्य सरकार ने गाईड लाइन जारी करते हुए बताया है कि संबधित तालाब की खुदाई के लिए एक संचालन समिति, पानी पंचायत का गठन किया जायेगा. पानी पंचायत गठन के लिए जो ग्रामसभा होगी इसमें संबंधित तालाब के लगभग 10 हेक्टेयर जमीन, सिंचित होनेवाले जमीन के किसान शामिल होंगे. बाहरी गांव के ग्रामीणों को ग्रामसभा में शामिल नहीं होना है.
पानी पंचायत में सात सदस्यों की एक टीम बनेगी. इस समिति में तालाब के अगल-बगल जिनकी जमीन है प्राथमिकता के आधार पर शामिल होंगे. बटाईदार नहीं, जिनके नाम पर जमीन है वही किसान शामिल होंगे. कुड़ू प्रखंड में भूमि सरंक्षण विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2018 -2019 में आठ तालाबों का जीर्णोद्धार लगभग 50 लाख रुपये की लागत से कराया जा रहा है. कुछ रैयती जमीन पर बने तालाबों का तो कुछ सरकारी तालाबों के जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है.
कई तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए कार्यादेश भी नहीं मिला है लेकिन बिचौलियों ने काम शुरू कर दिया है. पानी पंचायत के गठन में सभी नियम-कानून ताक पर रखते हुए पानी पंचायत में ऐसे ग्रामीणों को शामिल किया गया जिनकी जमीन तालाब के आसपास होना तो दूर की बात है उनकी जमीन ही नहीं है. कुछ ऐसे भी लाभुक हैं जो पंचायत के हैं. उस गांव के नहीं हैं. बड़ा सवाल यह है कि सरकार के कायदे-कानून को हशिये पर धकेलने वाले पर कार्रवाई कौन करेगा. मामले की जांच करने की जहमत कौन उठायेगा.
गड़बड़ी हुई, तो रद्द होगी गठित पानी पंचायत
जिला भूमि सरंक्षण पदाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि फर्जी तरीके से ग्रामसभा कराते हुए पानी पंचायत का गठन कराने की जानकारी नहीं है. यदि पानी पंचायत में तालाब के आसपास के किसानों जिनकी जमीन है उन्हें नहीं रखा गया है तो यह गलत है. जांच कराते हैं जांच के बाद गड़बड़ी सामने आयेगी तो पानी पंचायत को रद्द करते हुए नया पानी पंचायत गठन कराते हुए तालाब का जीर्णोद्धार कराया जायेगा. कुड़ू के किसी भी तालाब के जीर्णोद्धार में आंवटित राशि से भुगतान नहीं किया गया है. मेरा तबादला हो गया है. नये भूमि संरक्षण पदाधिकारी मंगलवार को पदभार ग्रहण करेंगे. वही जांच करा सकते हैं.

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