लोहरदगा : नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गंगा ठाकुर ने अपनी छुट्टी दो जून तक बढ़ा ली है. उन्होंने अपनी बीमारी का हवाला दिया है. कार्यपालक पदाधिकारी 16 मई से 26 मई तक अवकाश पर थे. और अब इस अवकाश को दो जून तक बढ़ा लिया है. हालांकि उन्होंने इसकी सूचना ना नगर परिषद अध्यक्ष को पहले दी थी और ना ही इस बार दिया है. वे अपने बीमारी का हवाला देकर लगातार छुट्टी बढ़ा रहे हैं. जबकि सूत्रों का कहना है की नयी व्यवस्था के बाद कार्यपालक पदाधिकारी खुद असहज महसूस कर रहे हैं. क्योंकि वर्तमान बोर्ड ने सात मई की बैठक में ही एक स्वर से कहा था कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
बोर्ड की बैठक में जब नगर परिषद द्वारा कचरा फेंकने के नाम पर खरीदे गये जमीन एवं अन्य चीजों की जानकारी मांगी, तो वे असहज हो गये. उसी वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गयी थी. बोर्ड की बैठक में नगर के विकास की खाका तैयार किया गया और इसे जब धरातल पर उतारने की बात आयी, तो कार्यपालक पदाधिकारी ने असहयोगात्मक रवैया अपना लिया. उनके दुखी होने का कारण बताया जाता है कि एक कर्मी के कार्यभार में बदलाव था. उन्हें यह डर सताने लगा है कि यदि बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी.
15 मई से वे लोहरदगा स्थित अपने आवास में हैं और लोगों की संवेदना बटोर रहे हैं. जबकि कार्यपालक पदाधिकारी को कार्यालय में नहीं रहने से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों का चेक नहीं कट रहा है. बरसात करीब आ चुका है और गरीबों का आशियाना अधूरा है. पीएफएमएस के बाद लाभुकों का भुगतान होता है. पीएफएमएस दस दिनों के बाद बैंक से वापस लौट जाता है और तमाम लाभुकों का फाइल लौट रहा है. लाभुक प्रतिदिन नगर परिषद का चक्कर लगाने को विवश हैं लेकिन उन्हें निराशा हो रही है. कार्यपालक के कार्यालय नहीं आने से सफाई व्यवस्था भी चरमरा गयी है. कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सफाई के लिए वाहनों में ईंधन डलवाना है. पेट्रोल पंपों में काफी बकाया हो गया है. अत: सफाई में परेशानी हो रही है. कचरा का उठाव नहीं हो रहा है. किसी तरह पैसे की व्यवस्था कर 26 तक काम चलाया गया लेकिन अब ये संभव नहीं लग रहा है. इसी तरह इस भीषण गर्मी में टैंकर से जलापूर्ति भी नियमित नहीं हो पा रही है क्योंकि उसके लिए भी डीजल की जरूरत है. बहुत सारी समस्याएं हैं जिसके कारण शहर के लोग परेशान है. कार्यालय के कर्मी भी परेशान है की बरसात पहुंच चुका है और लोगों का मकान अधूरा पडा है. सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की शहर की स्थिति बगैर सफाई के कैसी हो गयी है.