कुड़ू (लोहरदगा) : प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सलगी पंचायत के चूल्हापानी गांव की तकदीर और तस्वीर आजादी के 71 साल बाद भी नहीं बदली. गांव में मूलभूत सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय दामोदर बचाओ अभियान की जिस बैतरनी में सवार होकर आज विधायक से लेकर मंत्री बने, चूल्हापानी गांव का दो बार दौरा किया. गांव को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की. लोहरदगा एवं लातेहार की पूरी जिला प्रशासन की टीम गांव पहुंची. विकास कार्यों का जायजा लिया, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.
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घोषणा में ही सिमट कर रह गया चूल्हापानी
कुड़ू (लोहरदगा) : प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सलगी पंचायत के चूल्हापानी गांव की तकदीर और तस्वीर आजादी के 71 साल बाद भी नहीं बदली. गांव में मूलभूत सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय दामोदर बचाओ अभियान की जिस बैतरनी […]
चूल्हापानी गांव में पर्यटन विकास की तमाम संभावना मौजूद है, लेकिन गांव उपेेक्षित है. प्रखंड से 20 व जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर दूर तीन पहाड़ों व चार पहाड़ी नदियों के पार स्थित चूल्हापानी गांव की आबादी 48 है . सभी गंझू जाति के लोग निवास करते हैं. गांव जाने का सिर्फ दो साधन (पैदल एवं साइकिल) है. गांव तक जाने की जो सड़क है, उसकी हालत इतनी खराब है कि जगह- जगह बड़े-बड़े पत्थर निकल आये है. पहली बार वर्ष 2007 में जिले के तत्कालीन डीसी अराधना पटनायक व लातेहार के डीसी कमल किशोर सोन गांव दोनों जिले के आला अधिकारियों को लेकर गांव पहुंचे थे. पांच घंटे गांव में रहे. विकास की तमाम संभावनाओं की तलाश करने के बाद घोषणा की कि चूल्हापानी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा, ताकि गांव का विकास हो सके.
इसके अलावा गांव में पेयजल समेत सभी मूलभूत सुविधा बहाल की जायेगी. इसके बाद वर्ष 2011 में पहली बार मंत्री सरयू राय मोटरसाइकिल से चूल्हापानी गांव पहुंचे. दामोदर नद को बचाने का अभियान शुरू किया. तीन साल तक अभियान चलाया गया . वर्ष 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़े और विधायक बने, फिर मंत्री. मंत्री बनने के बाद गंगा-दशहरा के मौके पर घोषणा की कि चूल्हापानी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. पिछले साल चार जून को सलगी में आयोजित गंगा दामोदर महोत्सव के मौके राज्य के मुखिया रघुवर दास सलगी पहुंचे थे.
घोषणा की थी कि चूल्हापानी गांव समेत सलगी पंचायत को मॉडल पंचायत बनाया जायेगा. नतीजा सबके सामने है. मुख्यमंत्री, मंत्री एवं दो तत्कालीन डीसी की घोषणा के बाद भी चूल्हापानी गांव की ना तो तकदीर बदली, ना ही तस्वीर. बताया जाता है कि चूल्हापानी गांव में अंग्रेजी सेना व आंदोलनकारियों के बीच हुए जंग के कई निशान मौजूद है. दामोदर नद का उदगम स्थल है. इसके आलावा गांव से एक किलोमीटर दूर गुफा के अंदर मंदिर है, जो लहेडी पहाड़ के नाम से जाना जाता है, मंदिर के अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं है . पेड़ की टहनियों के सहारे लोग मंदिर में जाते है. यहां हाजिरी लगानेवालों की फरियाद कभी खाली नहीं जाती है. चूल्हापानी गांव पर्यटन स्थल बनाने की सारी अहर्ता पूरी करता है, बावजूद इसके मंत्री से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के कोरे आश्वासनों से गांव उपेक्षित है. बताया जाता है कि जिला परिषद द्वारा आठ सौ मीटर सड़क बनाने की निविदा हो चुकी है, लेकिन इस सड़क से चूल्हापानी के ग्रामीणों को विशेष लाभ नहीं होनेवाला है. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर जिला प्रशासन ने बहेरा मादर से लेकर पीसीसी पथ के बाद कच्ची सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. गांव में पीने के पानी के लिए कुआं की मरम्मत करायी जा रही है. इस संबंध में कुड़ू का कोई अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है.
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