तुरनी उरांव ने बताया कि एक साल पहले राशन मिलता था, लेकिन राशनकार्ड कैसे एवं किसने काटा, पता नहीं , जब राशन लेने गया, तो पता चला कि मेरा राशनकार्ड कट गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि पति की मौत के बाद तुरनी उरांव को कुड़ू अंचल के द्वारा विधवा पेंशन पास की गयी थी. एक साल तक पेंशन मिली , वर्ष 2017 के जनवरी तक पेंशन मिला .
इसके बाद से हर माह झारखंड ग्रामीण बैंक जाते है लेकिन बैंक में बताया जाता है कि उसके खाते में पैसा नहीं आता है . पिछले छह माह से हर माह पेंशन के लिए वृद्धा लाठी के सहारे कभी अंचल कार्यालय तो कभी ग्रामीण बैंक का चक्कर लगा रही है . अंचल कार्यालय एवं बैंक का चक्कर लगाते – लगाते थक गयी है . तुरनी उरांव बताती है कि कहां जाये, किसके पास फरियाद करे कि पेंशन मिलेगी. घर में जो अनाज बचा था, खत्म हो गया है . ना पेंशन मिल रहा है ना ही राशन कैसे जिंदा रहे . छोटे-छोटे बच्चे है . इस संबंध में कुड़ू सीओ रविश राज सिंह ने बताया कि तुरनी को छह माह से विधवा पेंशन कैसे नहीं मिली है. चूंकि लोहरदगा एसडीओ कार्यालय से सीधे लाभुको के खाते मे पेंशन का पैसा भेजा जाता है . कहां से एंव किस कारण से पेंशन की राशि खाता में नहीं आ रही है, इसकी जांच कराते है . राशनकार्ड कैसे कटा , किस लिए राशन नहीं मिल रहा है, इसकी जांच करायी जायेगी.