सामाजिक कार्यकर्त्ता मनोज जायसवाल ने कहा कि यह तालाब जिले की शान हुआ करती थी, लेकिन यहां जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की उपेक्षा व लूट खसोट से इस तालाब का अतिक्रमण तेजी से किया जा रहा है. यदि स्थिति यहीं रही, तो बड़ा तालाब के स्थान पर यहां बड़ा कॉलोनी बस जायेगा व लोहरदगा की जनता को बूंद-बूंद पानी के लिए तसरेगी.
सामाजिक कार्यकर्त्ता अरविंद जायसवाल ने कहा कि बड़ा तालाब के जीर्णोद्धार के लिए बराबर घोषणाएं की जाती है, लेकिन धरातल पर कभी काम नहीं होता है. सामाजिक कार्यकर्त्ता धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि जिले में विकास के नाम पर क्या हो रहा है, ये किसी से भी छुपा नहीं है. बड़े-बड़े नेता एक तालाब की सफाई नहीं करवा पा रहे है और विकास की ढोल पीटते घूमते है. सामाजिक कार्यकर्त्ता सुनील भगत का कहना है कि केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक लोहरदगा में है, लेकिन इन लोगों द्वारा जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है. यह तालाब लोहरदगा जिला की अमूल्य धरोहर है और हमारी जनप्रतिनिधि इसकी रक्षा नहीं कर पा रहे है.
मैना बगीचा निवासी कमलेश कुमार का कहना है कि ये बड़े दुख की बात है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी बड़ा तालाब का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया. लोहरदगा नेताओं की नगरी है, लेकिन इनकी असलियत का पता बड़ा तालाब की दुर्दशा को देख कर ही लगता है. जनता के सीधापन का फायदा यहां के नेता व अधिकारी उठा रहे है.