आरइओ विभाग द्वारा सड़क निर्माण के पूर्व जब प्राक्कलन बनाया गया उस वक्त यदि आरइओ के अधिकारी कार्यस्थल पर जाकर प्राक्कलन बनाते तो उन्हें जमीनी हकीकत की जानकारी होती. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के नाम पर संवेदक एवं इंजीनियर द्वारा राशि की बंदरबांट की गयी. सड़क निर्माण के नाम पर संवेदक द्वारा मिट्टी का काम पूरा किया गया है.
मोरम बिछाने का काम आधा अधूरा पड़ा है. सूत्र बताते हैं कि सड़क निर्माण की अवधि 3 अगस्त को ही समाप्त हो गयी है. इस कार्य की देखरेख सहायक अभियंता बीके दास, कनीय अभियंता गोविंद कुमार द्वारा की जा रही है. इस संबंध में विभाग के कनीय अभियंता गोविंद कुमार का कहना है कि रैयती जमीन बीच में पड़ रही है और रैयत से बात करने की जिम्मेवारी संवेदक को दी गयी है. मामला कहां तक पहुंचा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है. जहां तक कार्य समाप्त करने की अंतिम तिथि की बात है तो मुझे याद नहीं है. रिकार्ड देखकर ही बता पायेंगे.