बताया जाता है कि प्रखंड के उडुमुड़ू पंचायत अंतर्गत हुरहद गांव में मनरेगा योजना संख्या 124 चालू वित्तिय वर्ष 2012-2013 के तहत शमशूल अंसारी का सिंचाई कूप खुदाई कार्य स्वीकृत हुआ था. इसके लिए मनरेगा से दो लाख 63 हजार चार सौ तीन रुपये आंवटित किया गया था. इसे बनाने की जिम्मेवारी मेठ हसीब आलम को दी गयी थी. जबकि पंचायत सचिव नाजिर अहमद तथा रोजगार सेवक मंगा उरांव थे. कार्य शुरू हुआ पर मजदूरी भुगतान में गड़बड़ी को लेकर मारपीट भी हुई़ मामला कुड़ू थाना भी पहुंचा था. इससे इसके निर्माण का मामला अधर में लटक गया. इसे लेकर शमशूल अंसारी ने बीडीओ से लेकर उपायुक्त तक फरियाद लगायी लेकिन कहीं इंसाफ नहीं मिला. अंतत: मजदूरों के बकाया मजदूरी भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में शिकायत संख्या 47690 वर्ष 2016 में फरियाद की गयी. मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में मिले शिकायत की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जांच करते हुए एक सप्ताह में जांच रिपोट की मांग की. डीसी के आदेश पर एसडीओ राज महेश्वरम, कुड़ू बीडीओ संतोष कुमार ने 30 अप्रैल को हुरहद गांव पहुंच कर मामले की जांच की. जांच में सामने आया कि सिंचाई कूप खुदाई के लिए आंवटित राशि से अब तक मजदूरी मद में 98 हजार, छह सौ 98 रुपये तथा सामग्री मद में 95 हजार दो सौ 91 रुपये की निकासी हो चुकी है. कुल मिला कर योजना के लिए आंवटित राशि में से एक लाख 93 हजार, नौ सौ 89 रुपये की निकासी हो चुकी है. जबकि जांच में पाया गया कि मजदूरी मद में काम करनेवाले मजदूरों को 85 हजार, छह सौ 74 रुपये का भुगतान हुआ है. इस प्रकार मजदूरी मद में 13 हजार रुपये की फरजी निकासी की गयी है. जांच के क्रम में कई मजदूरों ने बताया कि हम लोग या मेरे परिवार के लोग काम नहीं किये हैं हमारे फरजी हस्ताक्षर से पैसे की निकासी की गयी है. जांच के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया़ एक बार पुनः शमशूल अंसारी ने मुख्यमंत्री के दरबार में इंसाफ के लिए पहुंचा.
मुख्यमंत्री के सीधी बात कार्यक्रम में फरियाद लगायी गयी. सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये लोहरदगा डीसी को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई के आदेश दिये. सीएम के फटकार के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और फरजी मस्टर रौल के आधार पर मजदूरी मद में आंवटित राशि से 13 हजार रुपये की फरजी निकासी करने के आरोप में मेठ हसीब आलम पर उडुमुड़ू पंचायत के पंचायत सचिव सह जनसेवक राम सहाय टाना भगत ने सरकारी राशि का गबन करने का मामला दर्ज कराया है. एसडीओ ने अपनी जांच रिर्पोट में बताया कि निवर्तमान पंचायत सचिव तथा रोजगार सेवक पर भी जांच हो सकती है.
इस संबध में कुड़ू बीडीओ संतोष कुमार ने बताया कि सरकारी राशि के दुरुपयोग की इजाजत किसी को नहीं है. मानक के अनुसार काम तथा आवंटित राशि खर्च नहीं करनेवालों पर कड़ी कारवाई की जायेगी. इस संबध में शमशूल अंसारी के बेटे महताब ने बताया कि सरकार के फैसले से वे लोग खुश हैं. लेकिन जब तक मजदूरी मद में आवंटित राशि से फरजी रूप से निकासी हुए पैसे काम करनेवाले मजदूरों को नहीं मिल जायेगा चैन से नहीं रहेंगे.