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खिलवाड़ : 30 से 40 फीट ऊंची थी और बड़े इलाके में फैली थी

नरैनी पहाड़ को पहले देखने वाले लोग अब इसे पहचान भी नहीं पाते हैं बड़की पहाड़ी भी मैदान में तब्दील हो गयी, पहले 30 फीट तक ऊंची थी वर्तमान में जिले में पत्थर की सैकड़ों खदान अवैध रूप से संचालित हैं 17 क्रशर संचालकों के पास ही लाइसेंस हैं, 13 क्रशर बिना लाइसेंस के लातेहार […]

नरैनी पहाड़ को पहले देखने वाले लोग अब इसे पहचान भी नहीं पाते हैं
बड़की पहाड़ी भी मैदान में तब्दील हो गयी, पहले 30 फीट तक ऊंची थी
वर्तमान में जिले में पत्थर की सैकड़ों खदान अवैध रूप से संचालित हैं
17 क्रशर संचालकों के पास ही लाइसेंस हैं, 13 क्रशर बिना लाइसेंस के
लातेहार : लातेहार जिले की कई पहाड़ी को पत्थर माफियाओं ने काट कर समतल बना दिया. जिला मुख्यालय स्थित नरैनी पहाड़ी अब समतल मैदान में तब्दील हो गयी है. वहीं पॉलिटेक्निक पहाड़ी से पत्थरों से का नामोनिशान मिट गया है.
वर्तमान में जिले में पत्थर के सैकड़ों खदान अवैध रूप से संचालित हैं. वहीं 30 में 17 क्रशर संचालकों के पास ही लाइसेंस है. 13 क्रशर बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं. लातेहार के पांडेयपुरा ग्राम स्थित नरैनी पहाड़ी व सोतम ललगड़ी के पास स्थित बड़की पहाड़ी पिछले दो दशक से पत्थर माफियाओं के कब्जे में है.
नरैनी पहाड़ी तो अब जमीन से बिल्कुल सट गयी है, जबकि इसके टीले भूमि से 30-40 फीट तक ऊंचे थे और काफी जगह में फैली थी. इसे पहले देखने वाले लोग अब नरैनी को पहचान भी नहीं पाते हैं. वहीं बड़की पहाड़ी जो ललगड़ी सोतम इलाके की सबसे बड़ी पहाड़ी थी, आज सड़क के लेवल में आ गयी है. पत्थर माफियाओं ने उस इलाके में होने वाले सभी कार्यो में बड़की पहाड़ी के ही पत्थरों को तोड़ कर इस्तेमाल किया.
नतीजतन पहाड़ी मैदान में तब्दील हो गयी है. बताया जाता है कि पतकी पर्वत श्रृंखला से जुड़ी बड़की पहाड़ी 20 से 30 फीट तक ऊंची थी तथा उस इलाके की सबसे बड़ी पहाड़ियों में शुमार थी. यही स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर में स्थित पहाड़ी की है. चहारदीवारी के बाहर अब पत्थरों व पहाड़ी का नामोनिशान नहीं रहा, जबकि वहां 30 से 40 फीट ऊंचे टीले थे.
इन पहाड़ों पर संकट
लातेहार का तपा पहाड़ भी पत्थर माफियाओं की नजर में चढ़ गया है. इसके निचले भाग में स्थित पत्थरों को पत्थर माफिया क्रेन व जेसीबी से ट्रैक्टरों व अन्य वाहनों के माध्यम से क्रशरों तक ले जा रहे हैं. महुआडांड़ स्थित सोहरपाट पहाड़ी से भी पत्थरों को काटा जा रहा है. ऐसी ही स्थिति मनिका की चरवाडीह व बकोरिया पहाड़ी की है. पत्थर माफिया कीमती खनिजों को खत्म करने के बाद पत्थरों का अवैध उत्खनन कर रहे हैं.
गायब हुई पहाड़ी
लातेहार : नरैनी, कुरा, पॉलिटेक्निक, सोतम, ललगड़ी, खालसा बारियातू, डेमू, बानपुर, दुगिला, तेहड़ा आदि.
मनिका : चरवाडीह, सधवाडीह, बकोरिया, लंका, कोपे, जेरुआ समेत दर्जन भर पहाड़ियां पत्थरविहीन हो गयी.
महुआडांड़ : राजदंडा, सोहरपाट, जोभीपाट, कुकुदपाट, चोरमुंडा आदि गांवों में स्थित पहाड़ियां अब टीलों में तब्दील हो गयी हैं.
गारु : द्वारसेनी, बारेसांढ़,रिझू टोंगरी व धांगरटोंगरी समेत कई पहाड़ी गायब हो गयी है.

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