जानवर के बजाय काम करते नजर आये मजदूर
बेतला : नेशनल पार्क में जंगली जानवरों -पक्षियों, पेड़ पौधे को करीब से देखने की चाहत .बाघ, हाथी, चीतल ,मोर की तस्वीर कैद करने की ख्वाहिश. तरह-तरह की हसीन सपने को अपने साथ लेकर कोलकाता के हावड़ा से अपने परिवार के साथ बेतला पहुंचे पर्यटक. एंट्री फीस जमा करके पार्क में प्रवेश करते हैं.
पार्क में घूमने के दौरान उन्हें मिलते हैं दो-चार हिरण अथवा बंदर. और दर्जनों की संख्या में जगह -जगह पर काम करते मजदूर. कहीं साइकिल से आते जाते लोग तो कहीं बाइक पर सवार होकर पार्क में चल रहे कार्यों की निगरानी करते वन कर्मी. कहीं ट्रैक्टर से की गयी पार्क क्षेत्र की जुताई तो कहीं जेसीबी से उखाड़े गये पेड़ की जड़ें.
यह दृश्य गुरुवार को बेतला में देखने को मिला. कोलकाता से 50 की संख्या में एक बस पर सवार होकर सैलानी नेतरहाट घूमने के बाद बेतला पहुंचे थे. उनमें संदीप भट्टाचार्य ,सुब्रतो बनर्जी ,अनुपम बनर्जी ,श्रीकांत चक्रवर्ती आदि अपने परिवार के साथ शामिल थे. उनसे पूछे जाने पर काफी निराश दिखाई दिये. कहां कि बेतला की बदहाल व्यवस्था देखकर काफी हताशा हुई है. सारा उत्साह फीका पड़ गया है.
बाहरी स्ट्रक्चर तो खूब दिख रहा है लेकिन अंदर में बेतला पूरी तरह से खोखला हो गया है. दरअसल इन दिनों बेतला नेशनल पार्क में कई तरह के काम किए जा रहे हैं. जिसमें ग्रास प्लॉट का भी निर्माण कराया जा रहा है. ताकि जंगली जानवरों को पर्याप्त चारा मिल सके. इसके लिए पार्क क्षेत्र में ट्रैक्टर से जुताई भी की गयी है. पुराने पेड़ के जड़ों को उखाड़ा गया है. सड़क के किनारे आग लगाकर झाड़ियों की सफाई कर दी गयी है.
इन सब कारणों की वजह से वर्तमान समय में बेतला की खूबसूरती पूरी तरह से बिगड़ गयी है. मजदूरों का प्रवेश ट्रैक्टर जेसीबी आदि का प्रयोग आदि होने से जंगली जानवरों ने या तो नेशनल पार्क को ही छोड़ दिया है या फिर घने जंगलों के बीच दुबक गए हैं.