बालूमाथ : सोमवार को प्रखंड के चमातु गांव में कोलियरी खुलवाने पहुंची सीसीएल की टीम व प्रशासन के लोगों का स्थानीय ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया. सीसीएल पदाधिकारी व ग्रामीणों के बीच हल्की नोक-झोंक भी हुई. सूचना के बाद बालूमाथ डीएसपी ओमप्रकाश के नेतृत्व में पुलिस टीम गांव पहुंची. पुलिस ने आक्रोशित लोगों को शांत कराया. इसके बाद ग्रामीणों व सीसीएल के लोगों के बीच एक बैठक की गयी.
ग्रामीणों ने कहा कि बगैर नौकरी, मुअावजा व पुनर्वास किये कोलियरी नहीं खोलने दी जायेगी. शुक्रवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि नौकरी व मुआवजा कैंप का आयोजन किया जायेगा. जिला प्रशासन द्वारा सोमवार दस जून को भूमि का रेट तय करने की बात कही गयी थी. इन सभी शर्तों को दरकिनार कर सीसीएल के लोग जमीन कब्जे में लेकर कोलियरी खोलना चाह रहे हैं. बैठक में निर्णय लिया गया कि सीसीएल लगातार 10 दिनों तक गांव में कैंप लगाकर विस्थापितों को वंशावली से लेकर कागजात में जो त्रुटियां होगी, उसमें सुधार करने के लिये मदद का काम करेगी.
मंगलवार 11 जून से अंचल के कर्मियों के साथ मिलकर गांव में कैंप कर नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास दिलाने का कार्य शुरू होगा. सीसीएल के अधिकारी ने कहा कि जमीन का कागजात जमा करने के 15 दिनों के भीतर मुआवजा का भुगतान कर दिया जायेगा. दो माह के भीतर भू-रैयतों को नौकरी दी जायेगी. पुनर्वास की व्यवस्था भी शुरू कर दी जायेगी. ग्रामीणों ने कहा कि सीसीएल को इन सभी शर्तो को पूरा करने पर ही कार्य की अनुमति दी जायेगी. बैठक में एसडीपीओ ओमप्रकाश के अलावा पुलिस निरीक्षक उदय प्रताप सिंह, सीओ रवि कुमार, सीसीएल के पीओ जेपी सिंह, सुबोध कुमार, एलआर समेत सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे.