22कोडपी10 लाभुकों के बीच पौधा वितरण करते. 22कोडपी11 मौके पर डॉ. ए. के. राय व अन्य. प्रतिनिधि जयनगर. कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर कोडरमा में 8 अप्रैल से शुरू हुआ पोषण माह अभियान 22 अप्रैल को समापन समारोह के साथ समाप्त हुआ. मौके पर प्रखंड से कई किसानों ने भाग लिया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पोषण आधारित कृषि को बढ़ावा देना और रसोई बागवानी के महत्व को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचारित करना था. समारोह के दौरान किसानों के बीच टमाटर, बैंगन और मिर्ची के पौधों का वितरण किया गया, ताकि वे अपने घरों में पोषण वाटिका स्थापित कर सकें और साल भर ताजे सब्जियों का सेवन कर सकें. केवीके के प्रमुख डॉ. एके राय ने कहा कि पोषण माह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक जन आंदोलन है, यह प्रयास यहीं समाप्त नहीं होना चाहिए, हमें इसे निरंतर जारी रखना है. डॉ. चंचिला कुमारी ने ग्रामीण महिलाओं की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि पोषण के प्रति जागरूकता और रसोई बागवानी जैसे उपाय ग्रामीण परिवारों में लंबे समय तक स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं. विनय कुमार ने विविध आहार के महत्व पर बल देते हुए कहा कि स्वस्थ भोजन की शुरुआत स्वस्थ मिट्टी और अच्छी खेती से होती है. नूपुर चौधरी ने किसानों से बातचीत करते हुए बाल विकास में पोषण की भूमिका को रेखांकित किया और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक आहार को अपनाने की सलाह दी. डॉ. देब्रुप घोष ने किसानों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे जागरूकता अभियान पोषण-साक्षर ग्रामीण समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं. डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि अब समय है कि हम पोषण को खेती का अभिन्न हिस्सा बनायें और पोषण संवेदनशील कृषि को अपनायें. रूपेश रंजन ने रसोई बागवानी के लाभों पर प्रकाश डालते हुए पौधों के रोपण की विधि का संक्षिप्त प्रदर्शन भी किया. कार्यक्रम का समापन किसानों और केवीके टीम द्वारा पोषण जागरूकता फैलाने और पोषण वाटिका को अपनाने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ.
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