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डीवीसी को प्रतिमाह करोड़ों का घाटा

प्रबंधन की बढ़ी मुश्किलें. विद्युत उत्पादन प्रभावित जयनगर : डीवीसी की महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाई केटीपीएस बांझेडीह प्लांट के सुचारु रूप से चलाने को लेकर डीवीसी प्रबंधन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. प्लांट निर्माण के बाद से अब तक कभी राजनीतिक कारणों, कभी विस्थापितों प्रभावितों के आंदोलन, तो कभी मजदूरों की हड़ताल से यह […]

प्रबंधन की बढ़ी मुश्किलें. विद्युत उत्पादन प्रभावित
जयनगर : डीवीसी की महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाई केटीपीएस बांझेडीह प्लांट के सुचारु रूप से चलाने को लेकर डीवीसी प्रबंधन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. प्लांट निर्माण के बाद से अब तक कभी राजनीतिक कारणों, कभी विस्थापितों प्रभावितों के आंदोलन, तो कभी मजदूरों की हड़ताल से यह प्लांट अपनी एक हजार मेगावाट क्षमता के अनुसार विद्युत उत्पादन नहीं कर पाया. इससे डीवीसी को प्रतिमाह करोड़ों को घाटा हो रहा है. इस घाटा को देखते प्रबंधन कई बार कह चुका है कि यदि स्थिति यहीं रही, तो प्लांट बंद हो सकता है. प्लांट संचालन में सबसे बड़ी समस्या स्थायी एसपौंड निर्माण की है. डस्ट को डंप करने की जगह नहीं होने से प्लांट अपनी क्षमता के अनुसार विद्युत उत्पादन नहीं कर पा रहा है.
एसपौंड के लिए करियावां गांव में चिह्नित भूमि में विवादों के कारण एसपौंड का निर्माण अधर में लटक गया है. इसको लेकर अब तक जिला प्रशासन, डीवीसी प्रबंधन व ग्रामीणों की दर्जनों बैठकें हो चुकी हैं. मगर सभी बैठकें बेनतीजा रही है. प्लांट निर्माण के लिए 32 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इधर ग्रामीणों की माने, तो डीवीसी शिलान्यास से लेकर अब तक सिर्फ वादाखिलाफी कर रहा है. जबकि प्रबंधन को माने तो विस्थापित गांवों में पहले एसआइपी व अब सीएसआर द्वारा कई कार्य कराये गये है. विस्थापित ग्रामीणों के विकास का पूरा पूरा ध्यान रखा गया है.
जिला प्रशासन ने की पहल: अब एक बार फिर जिला प्रशासन ने पहल करते हुए एसपौंड निर्माण के लिए कड़ा रूख अख्तियार किया है. गत दिन जिला प्रशासन डीवीसी प्रबंधन व करियावां के ग्रामीणों के साथ हुई बैठक में उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने कहा कि एसपौंड क्षेत्र की जांच के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लिखा जायेगा तथा डीवीसी के पदाधिकारियों, पुलिस प्रशासन व ग्रामीणों की उपस्थिति में जांच करायी जायेगी. हालांकि इस दौरान ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे.
तब जाकर जिला प्रशासन ने डीवीसी को जबरन काम कराने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने संबंधित क्षेत्र में डीवीसी को ट्रेंच खुदाई व पौधरोपण का काम शुरू करने तथा गांव से 600 मीटर दूरी पर एसपौंड निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कार्य में बाधा उत्पन्न करने वालों से सख्ती से निबटने व उन्हें चिह्नित कर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गयी है. इसके लिए दंडाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किये गये है. जिला प्रशासन की पहल से डीवीसी प्रबंधन की आशाएं बढ़ गयी है.
प्रशासन के कड़े रूख से ग्रामीण नाराज: जिला प्रशासन के कड़े रूख व उपायुक्त के नये आदेश से करियावां के लोगों में नाराजगी है. ग्रामीण भी बैठक कर आगे की रणनीति बनाने में जुट गये है.
ग्रामीणों का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन करते हुए एसपौंड बनाया जाये. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो विस्थापित ग्रामीण भी इसका विरोध करेंगे, अंजाम चाहे जो भी हो. स्थानीय पोखराज राणा, सिकंदर यादव, कालेश्वर सिंह, विक्की राणा, कपिल बढ़ई, बिहारी यादव, लक्ष्मण यादव, शेखावत मियां, सुलेमान मियां, मुफ्ती अंसारी आदि ने मांग की है कि पहले करियावां के लोगों को अलग ले जाकर बसाया जाये, तब यहां एसपौंड का निर्माण कराया जाये.

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