– विकास –
कोडरमा : जिले के उपायुक्त उमाशंकर सिंह का छह माह के अंदर ही तबादला हो गया. इससे कई सवाल उठ रहे हैं. भले ही नये उपायुक्त प्रवीण शंकर ने सोमवार को पदभार संभाला लिया, पर जिस तेजी के साथ उमाशंकर सिंह का तबादला हुआ और नये उपायुक्त ने पदभार संभाला, उससे यह चर्चा तेज हो गयी है कि कोई बड़ा फैसला या आदेश एक–दो दिन में जारी होने वाला था.
जानकारी के अनुसार, कोडरमा के 14वें उपायुक्त के रूप में 23 फरवरी 2013 को पदभार संभालने वाले उमाशंकर सिंह ने आने के साथ ही जिले में चल रही विकास योजनाओं के साथ प्राय: मृत पड़ने के कगार पर पहुंच चुके विभागों को भी जगाने का प्रयास शुरू किया था.
उमाशंकर सिंह ने पिछले छह माह में जिले का विकास की पटरी पर लाने का प्रयास किया, पर समय से पहले राजनीति के शिकार हुए उमाशंकर को कार्मिक विभाग में तबादला कर दिया गया. तबादले को लेकर भले ही सरकार के विचार कुछ और हों, पर जिले की वास्तविक हालात यह बताने के लिए काफी है कि बदलाव के लिए उठाये जा रहे कदम कुछ दिग्गज नेताओं को पसंद नहीं था.
मसलन सड़क निर्माण से लेकर विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार हुआ तो कुछ नेताओं के आंखों का किरकिरी बने उमाशंकर सिंह का तबादला करा दिया गया. उपायुक्त ने बीआरजीएफ से जुड़ी योजनाओं से लेकर सिविल अस्पताल के हालात को भी बदलने का प्रयास किया.
ऐसे में तबादले को लेकर पहले से गोटियां सेट की जा रही थी, पर इसी बीच चुनाव आयोग का नया निर्देश जारी होने के कारण जल्दबाजी में ही तबादला कर दिया गया. राज्य में दो सितंबर से अगले पांच माह तक प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला नहीं होने से संबंधित आदेश चुनाव आयोग ने जारी किया है.
सभी अफसर इस दौरान मतदाता सूची के पुनरीक्षण काम में लगाया जायेगा. ऐसे में तबादले के लिए चुनाव आयोग की सहमति लेनी होगी. इससे पहले राज्य सरकार ने अधिकारियों का तबादला कर दिया.