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आदिवासियों की सुरक्षा कवच भेद रही सरकार
खूंटी : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा शुक्रवार को खूंटी प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया. दामु मुंडा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट आदिवासियों की सुरक्षा कवच है, जिसे सरकार भेद रही है. साथ ही गलत स्थानीय नीति बना कर बाहरी लोगों […]
खूंटी : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा शुक्रवार को खूंटी प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया. दामु मुंडा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट आदिवासियों की सुरक्षा कवच है, जिसे सरकार भेद रही है. साथ ही गलत स्थानीय नीति बना कर बाहरी लोगों को स्थानीय बनाने का काम कर रही है. एक्ट में संशोधन आदिवासियों को विस्थापित करने व उनकी जमीन लूटने की साजिश है. मुंडा ने कहा कि राज्य में 28 आदिवासी विधायक हैं, जिन्हें सिर्फ आदिवासी होने के नाते विधायकी मिली है. लेकिन आज वे सभी विधायक चुप्पी साधे हुए हैं.
उन्हें पार्टी व विधायकी की चिंता है. आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है. ये विधायक या तो एक्ट में संशोधन को रद्द करायें या इस्तीफा दें. नंदराम मुंडा, मुचिराय मुंडा, मसीह पाहन ने कहा कि राज्य सरकार की नजर आदिवासियों की भूमि पर है. उक्त दोनों एक्ट में संशोधन आदिवासियों की भूमि हड़पने के लिए किया जा रहा है. जब तक एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रद्द नहीं हो जाता है, इसका पुरजोर विरोध करते रहेंगे. केदार मुंडा, जगन्नाथ मुंडा, जोहन नाग, नियरन पूर्ति, पौलुस पूर्ति ने कहा कि उक्त दोनों एक्ट में संशोधन कतई स्वीकार नहीं होगा. आदिवासियों की पहचान जल, जंगल व जमीन ही है. धरना में आनंद मसीह संगा, जोहन सोय, मरियम संगा, मोनिका तिड़ू, सुंदर सिंह मानकी, रूसु टूटी, शिव सहाय मानकी, भोला पाहन सहित प्रखंड के विभिन्न गांवों से आये लोग शामिल थे.
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