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पांच लाख के इनकम पर मिले छूट

पिपरवार : श्रमिक संगठन सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ (संबद्ध भारतीय मजदूर संघ) केंद्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को पिपरवार ऑफिसर्स क्लब में शुरू हुई. बीएमएस के पूर्वांचल प्रभारी सुरेश प्रसाद सिन्हा व एबीकेएमएस के महामंत्री सह जेबीसीसीआइ सदस्य प्रदीप दत्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक का शुभारंभ किया. स्थानीय पदाधिकारियों […]

पिपरवार : श्रमिक संगठन सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ (संबद्ध भारतीय मजदूर संघ) केंद्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को पिपरवार ऑफिसर्स क्लब में शुरू हुई. बीएमएस के पूर्वांचल प्रभारी सुरेश प्रसाद सिन्हा व एबीकेएमएस के महामंत्री सह जेबीसीसीआइ सदस्य प्रदीप दत्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक का शुभारंभ किया. स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा अतिथियों का स्वागत शॉल ओढ़ा कर व श्रीफल देकर किया गया.
सुरेश प्रसाद सिन्हा ने बैठक के पहले सत्र का उदघाटन किया. सीसीएल के सभी क्षेत्रों के यूनियन अध्यक्ष/सचिव, जेसीसी सदस्य व सीसीएल कार्यसमिति के पदाधिकारी बैठक में भाग ले रहे हैं. दो दिनों तक चलनेवाली इस बैठक में संगठनात्मक व समसामयिक विषयों पर चर्चा की गयी. मौके पर विंदेश्वरी प्रसाद (मंत्री एबीकेएमएस सह जेबीसीसीआइ सदस्य), वाइएन सिंह (जेबीसीसीआइ सदस्य), राजीव रंजन सिंह (कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड मेंबर), एसके चौधरी (सीसीएल अध्यक्ष सीसीएल सीकेएस), ओपी सिंह, शकील अहमद, मनोज पांडेय, बीके झा आदि मौजूद थे.
नोटबंदी से घरों में जमा पैसा आया बैंकों में : सुरेश प्रसाद सिन्हा
भारतीय मजदूर संघ को दो करोड़ सदस्यों के साथ विश्व में सबसे बड़ा श्रम संगठन होने का गौरव प्राप्त है. कार्यकर्ता मजदूर हित, उद्योग हित व राष्ट्रहित के विशाल लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं.
उक्त बातें गुरुवार को पिपरवार के ऑफिसर्स क्लब में सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बीएमएस के पूर्वांचल प्रभारी सुरेश प्रसाद सिन्हा ने बतौर मुख्य अतिथि कही. उन्होंने मोदी सरकार की नोटबंदी के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि तिजोरियों में रखे पैसे बैंक में जमा हुए. इससे गरीबों व मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू होंगी.
आम बजट पर चर्चा करते हुए उन्होंने मोदी सरकार की कटु आलोचना की. आम बजट को निराशाजनक बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने मजदूरों को कोई राहत नहीं दी है. मोदी सरकार से बजट की समीक्षा की मांग करते हुए उन्होंने इनकम टैक्स की सीमा पांच लाख रुपये निर्धारित करने की मांग की. साथ ही उन्होंने नोटबंदी के दौरान गरीब व मजदूरों को हुई परेशानी के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की.
उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की वकालत की. बीएमएस को गैर राजनीतिक संगठन बताते हुए कहा कि शीघ्र ही बजट के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन किया जायेगा. संकट के दौर में गरीब-मजदूरों पर हमले हो रहे हैं और सरकार श्रम कानूनों में संशोधन का ही प्रयास कर रही है.

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