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मदर टेरेसा को प्रेरणास्रोत मानती हैं सिस्टर डेफिनी
मदर के साथ बिताये पलों को भुला नहीं पायी है सिस्टर डेफिनी मदर टेरेसा को संत घोषित करना समस्त मानव जाति के लिए गर्व की बात तोरपा : महिला विकास केंद्र की निदेशक सिस्टर डेफिनी संत मदर टेरेसा को अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं. उनको संत की उपाधि मिलने से सिस्टर डेफिनी अभिभूत हैं. कहती हैं […]
मदर के साथ बिताये पलों को भुला नहीं पायी है सिस्टर डेफिनी
मदर टेरेसा को संत घोषित करना समस्त मानव जाति के लिए गर्व की बात
तोरपा : महिला विकास केंद्र की निदेशक सिस्टर डेफिनी संत मदर टेरेसा को अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं. उनको संत की उपाधि मिलने से सिस्टर डेफिनी अभिभूत हैं. कहती हैं इसका वो सही हकदार थीं. मदर टेरेसा को संत घोषित करना भारत सहित समस्त मानव जाति के लिए गर्व की बात है.
उनके साथ बिताये पलों को याद करती हुई सिस्टर बताती हैं कि मदर टेरेसा से वह पहली बार विसोई ( महाराष्ट्र) में मिली. उस समय वहां पर युवाओं का एक कार्यक्रम आयोजित था. अध्यक्ष सिस्टर डेफिनी थीं. मदर वहां कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची थीं.
सिस्टर बताती हैं कि जब वहां उनसे मिलीं तो उन्होंने कहा कि मानव जीवन बहुत ही सुंदर है, इसे जीओ. यह तुम्हारे निर्णय या तुम्हारी भावनाओं पर निर्भर करता है कि तुम खुश रहना चाहती हो या दुखी. मदर ने आगे कहा कि धर्म कोई भी हो, हमें मानव जाति की सेवा करना सिखाता है. धर्म में बिना सेवा के प्रार्थना का कोई मोल नहीं है. सिस्टर बताती हैं कि वो तब नन नहीं बनी थीं. मदर की बातों ने उन्हें नन बनने की ओर प्रेरित किया.
उनकी बातों ने हमें मजबूती दी तथा 1990 में वह नन बन कर समाज सेवा में लग गयीं. वह बतातीं है कि मदर की बातें आज भी मुझे मेरे कामों में शक्ति प्रदान करतीं हैं. इसके बाद वह कई बार मदर से मिलीं. और हर बार उन्हें नयी-नयी बातें सीखने को मिली तथा समाज के काम करने के लिए नयी ऊर्जा मिलती रही.
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