बीकेबी के टेंडर की समय सीमा समाप्त हो गयी है, इसलिए उसने फेस से स्टॉक तक कोयला ढुलाई बंद कर दी
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कोयला के अभाव में चार दिन से केडी ओल्ड साइडिंग बंद
बीकेबी के टेंडर की समय सीमा समाप्त हो गयी है, इसलिए उसने फेस से स्टॉक तक कोयला ढुलाई बंद कर दी खलारी : अशोक परियोजना के कोयला का स्टॉक समाप्त हो जाने के कारण विगत चार दिनों से केडी ओल्ड साइडिंग पूरी तरह बंद है. ज्ञात हो कि केडी ओल्ड साइडिंग का संचालन फिलहाल पिपरवार […]
खलारी : अशोक परियोजना के कोयला का स्टॉक समाप्त हो जाने के कारण विगत चार दिनों से केडी ओल्ड साइडिंग पूरी तरह बंद है. ज्ञात हो कि केडी ओल्ड साइडिंग का संचालन फिलहाल पिपरवार एरिया के अधीन हो रहा है. पिपरवार एरिया के अशोक परियोजना से केडी ओल्ड साइडिंग कोयला ढोया जा रहा था. फिर केडी ओल्ड साइडिंग से रेलवे रैक द्वारा देश के भिन्न-भिन्न ताप विद्युत संयंत्रों को कोयला भेजा जा रहा था.
अशोक के स्टॉक से कोयला ढोने का काम सैनिक ट्रांसपोर्ट कर रहा था. उसके प्रतिनिधि ने बताया कि अशोक परियोजना के स्टॉक में कोयला नहीं है. खदान के फेस से स्टॉक तक कोयला ढोने का काम बीकेबी ट्रांसपोर्ट कंपनी की है. बीकेबी के टेंडर का समय सीमा समाप्त हो गयी है. इसलिए उसने फेस से स्टॉक तक कोयला ढुलाई बंद कर दी. पिपरवार प्रबंधन बीकेबी को को कार्य का एक्सटेंशन दे रही थी, परंतु कंपनी ने एक्सटेंशन लेने से इनकार कर दिया. वहीं नये सिरे से टेंडर करने की मांग की है.
इधर सैनिक ट्रांसपोर्ट कंपनी के कार्य का समय अभी अगले डेढ़ साल तक है. साइडिंग में कोयला नहीं आने से साइडिंग में कोयला लेने आये रेलवे रैक में निर्धारित समय में कोयला नहीं लादा जा सका. जिसके कारण रेलवे को डैमेज भी देना पड़ा. वहीं सैनिक कंपनी के डंपर पिपरवार में खड़े हैं. डंपर ऑपरेटर से लेकर इस काम से जुड़े लोग बेरोजगार हो गये हैं.
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