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निजीकरण की ओर केडीएच परियोजना
खलारी : एनके एरिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट केडीएच अब सिमट गया है. परियोजना की स्थिति और प्रबंधन का रवैया स्वाभाविक रूप से कामगारों और श्रमिक नेताओं की चिंता बढ़ा रहा है. आरसीएमएस के एरिया सचिव अब्दुल्ला अंसारी का कहना है कि प्रबंधन केडीएच परियोजना को निजीकरण की ओर ले जा रहा है. विश्व बैंक […]
खलारी : एनके एरिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट केडीएच अब सिमट गया है. परियोजना की स्थिति और प्रबंधन का रवैया स्वाभाविक रूप से कामगारों और श्रमिक नेताओं की चिंता बढ़ा रहा है. आरसीएमएस के एरिया सचिव अब्दुल्ला अंसारी का कहना है कि प्रबंधन केडीएच परियोजना को निजीकरण की ओर ले जा रहा है. विश्व बैंक के सहयोग से खोली गयी यह महत्वाकांक्षी परियोजना थी. लेकिन आज जमीन के अभाव में प्रोजेक्ट पीछे जा रहा है. केडीएच में करीब 750 कामगार हैं.
कामगारों को सुनियोजित तरीके से धीरे-धीरे स्थानांतरित किया जा रहा है. अब तक 28 कर्मी को दूसरी परियोजना में भेजा जा चुका है. जेहलीटांड़ में केडीएच खदान के विस्तारीकरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किया गया, लेकिन खदान जहां का तहां रुका हुआ है. वन विभाग से जमीन नहीं मिल रही है. प्रबंधन बता रहा है कि प्रोजेक्ट में काम नहीं है.अंसारी ने प्रबंधन से केडीएच के विस्तार के लिए मांग की है. उन्होंने कामगारों को बचाने और निजीकरण के विरोध में आरसीएमएस द्वारा आंदोलन की चेतावनी दी है.
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