मनरेगा में अब नियमावली से होगा काम
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तैयारी . ग्रामीण विकास विभाग ने चयनित योजनाओं के संचालन की बनायी रणनीति
मनरेगा में अब नियमावली से होगा काम तीन सीजन में करना है योजनाओं का क्रियान्वयन हर सीजन के लिए समय का हुआ निर्धारण जामताड़ा : ग्रामीण विकास विभाग ने याेजना बनाओ अभियान में चयनित योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर नियमावली बनायी है, जिसे सभी जिले को भेज दिया है. डीडीसी कुमार मिथलेश ने बताया कि […]
तीन सीजन में करना है योजनाओं का क्रियान्वयन
हर सीजन के लिए समय का हुआ निर्धारण
जामताड़ा : ग्रामीण विकास विभाग ने याेजना बनाओ अभियान में चयनित योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर नियमावली बनायी है, जिसे सभी जिले को भेज दिया है. डीडीसी कुमार मिथलेश ने बताया कि नियमावली को सभी प्रखंड के बीडीओ को भी भेजा गया है. इसी के आधार पर कार्यों का क्रियान्वयन किया जायेगा. इस नियमावली में योजना बनाओ अभियान के तहत चुनी गयी योजनाओं को तीन सीजन में करना है.
जिसे सिजनेलिटी कलेंडर नाम दिया गया है. जो प्री मॉनसून, मॉनसून व पोस्ट मॉनसून है. प्री मॉनसून की अवधि मार्च से जून माह तक निर्धारित की गयी है. मॉनसून की अवधि जुलाई से सितंबर माह व पोस्ट मॉनसून की अवधि अक्तूबर से फरवरी माह निर्धारित किया गया है.
जरूरत के अनुसार करें योजनाओं का चयन
नियमावली में बताया गया है कि प्रत्येक टोले-गांव में ग्रामीणों की काम की मांग व प्राथमिकता के अनुसार तुरंत बड़े मनरेगा योजनाओ का क्रियान्वयन किया जाये. अधिक से अधिक काम उपलब्ध कराया जाये. जल संरक्षण के लिए डोभा, फॉर्म पांड, पोखर संबंधित योजनाओं को 15 जून तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
ये करेंगे मॉनिटरिंग
इन योजनाओं की मॉनिटरिंग परियोजना पदाधिकारी मोतिउर रहमान, जिला के वरीय पदाधिकारी, संबंधित प्रखंड के बीडीओ, रोजगार सेवक आदि करेंगे.
योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति देकर पांच दिनों में सूची जमा करने का निर्देश
प्रत्येक श्रेणी में योजनाओं को मिले प्राथमिकता
पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक योजना श्रेणी में प्राथमिकता के अनुसार योजनाओं का चयन करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही प्रत्येक श्रेणी में वंचित परिवारों के लिए चयनित योजनाओं को क्रियान्वित करने को कहा गया है. एक से डेढ़ लाख की प्राक्कलित राशि वाली सभी योजनाओं की स्वीकृति अंचल कार्यालय से जमीन के मालिकाना हक के लिए सत्यापन की अावश्यकता नहीं है.
इसके लिए जमीन सत्यापन के लिए वार्ड सदस्य व पेसा क्षेत्र के पारंपरिक प्रधान करेंगे. इस नियमावली के अनुसार मनरेगा योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति पांच दिनों के अंदर करते हुए योजनाओं की सूची जमा करने का निर्देश दिया गया है.
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