जामताड़ा : जामताड़ा में काले हीरे की तस्करी कोई चोरी छिपे नहीं होती. यहां सबके नजर के सामने दिन दहाड़े आंखों से सुरमा गायब कर लिया जाता है. चितरा से रोजाना करीब तीन सौ डंपर कोयला जामताड़ा रेलवे साइडिंग पर लाया जाता है. यहां कोयला डंप कर उसे मालगाड़ियों में भरा जाता है. यहां से भी कोयला गायब करने वाले विशेष गिरोह हैं जो सबकी नजर के सामने से कोयला गायब कर देते हैं.
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो 300 डंपर में से रोजाना 10 डंपर कोयला चोरी के भेंट चढ़ जाती है. इससे सरकार को लाखों का नुकसान होता है. यह कोयला आस पास के इलाकों में ही खपाया जाता है. साइडिंग में इस धंधे में महिलाएं अधिक शामिल रहतीं हैं. औसतन एक महिला दिन भर में सात टोकरी कोयला चुनती है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसी करीब 100 की संख्या में महिलाएं होतीं हैं, वो कितना कोयला रोज चुनतीं होंगी.
साइडिंग पर सुरक्षा व्यवस्था खानापूर्ति
साइडिंग पर सुरक्षा व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. जहां करोड़ों की संपत्ति हो उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं, यह या तो रईश राजा किया करते थे या लापरवाह प्रशासन. जामताड़ा में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. यहां रईश राजा तो नहीं प्रशासन लापरवाह जरूर है.
रात में कटती है चोरों की चांदी
रात चोरों का ही होता है. कोयला साइडिंग में दिन की अपेक्षा रात में ये ज्यादा सक्रिय होते हैं. रात के समय पुरुष वर्ग कोयला गायब करना शुरू कर देते हैं. ये राते के अंधेरों में साइकिल पर कोयला लोड कर ईंट भट्टों, होटलों व डिपो में खपाते हैं. साइडिंग के कई अफसर भी इस धंधे में बराबर के हिस्सेदार बताये जाते हैं.
विधायक की बातों पर पुलिस ने नहीं देती ध्यान
कुछ दिन पहले विधायक विष्णु प्रसाद भैया ने भी रेलवे साइडिंग से अवैध रूप से कोयला चोरी किये जाने का विरोध किया था. लेकिन चितरा प्रबंधन व जामताड़ा के पुलिस प्रशासन ने विधायक की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया. उधर विधायक ने भी दुबारा इसपर कोई विशेष पहल नहीं की.