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हो भाषा के प्राइम टाइम में एनजीओ कार्यक्रम का प्रसारण

चाईबासा : चाईबासा रेडियो सेंटर से कोर्ड वर्ड में नक्सलियों को प्रशासनिक सूचना देने के मामले में एनजीओ के कार्यक्रम भी संदेहास्पद हैं. बीते एक साल से ही रेडियो सेंटर से स्थानीय स्तर पर एनजीओ के कार्यक्रम का प्रसारण पर निर्णय लिया गया. जबकि हो भाषा के प्राइम टाइम में एनजीओ के कार्यक्रम जगह दी […]

चाईबासा : चाईबासा रेडियो सेंटर से कोर्ड वर्ड में नक्सलियों को प्रशासनिक सूचना देने के मामले में एनजीओ के कार्यक्रम भी संदेहास्पद हैं. बीते एक साल से ही रेडियो सेंटर से स्थानीय स्तर पर एनजीओ के कार्यक्रम का प्रसारण पर निर्णय लिया गया. जबकि हो भाषा के प्राइम टाइम में एनजीओ के कार्यक्रम जगह दी गयी और हो भाषा के कार्यक्रम प्रसारण का समय बदला गया. हो भाषा-भाषी बहुल क्षेत्र होने के कारण स्थानीय स्तर पर हो भाषा के कार्यक्रम का महत्वपूर्ण स्थान था, लेकिन स्थानीय स्तर पर एनजीओ से करार कर हो भाषा के कार्यक्रम की जगह उनके कार्यक्रमों को महत्व दिया गया.
क्यों बदला गया समय, होगी जांच : पूरे मामले में सवाल उठ रहा है कि आखिर किसके कहने पर प्राइम टाइम में एनजीओ के कार्यक्रम को प्रसारित किया गया. इसके लिए आखिर हो भाषा प्राइम टाइम में क्यों चुना गया. हो भाषा के कार्यक्रम में क्यों बदलाव कर दिये गये. किसी अन्य स्लॉट या समय पर एनजीओ के कार्यक्रम क्यों नहीं चलाये गये.
एनजीओ कार्यक्रम करने का हो एंकरों ने किया था विरोध
हो भाषा के प्राइम टाइम में एनजीओ के कार्यक्रम को जगह देने का हो भाषा के एंकरों ने विरोध किया था. हालांकि स्थानीय प्रबंधन के आगे इनकी नहीं चली. यह मामला पुलिस के ज्ञान में आने के बाद पुलिस इसकी जांच में जुट गयी है. पुलिस ने एनजीओ के कार्यक्रमों का ब्योरा व रिकॉर्डिंग मांगी है.
मामले की जांच की जा रही है
रेडियो सेंटर से नक्सलियों को जानकारी पहुंचाने के मामले में जांच में तेजी लायी गयी है. इस मामले में विभिन्न बिंदुओं में जांच की जायेगी.
अनीष गुप्ता, एसपी, पश्चिम सिंहभूम

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