इस मामले में सोनू के भाई अमित सिंह और डॉक्टर का बयान कोर्ट में कराया गया था. मामले में सुजीत और विनोद सिंह उर्फ मोगली फरार था. अन्य चार के खिलाफ कोर्ट में सुनवायी चल रही थी.
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साक्ष्य के अभाव में सोनू सिंह हत्याकांड के चार आरोपी बरी
जमशेदपुर : पूर्व माफिया साहेब सिंह के भांजे सोनू सिंह की हत्या मामले में एडीजे-12 की अदालत ने साकची के इस्माइल आजाद समेत अन्य को साक्ष्य के अभाव में मंगलवार को बरी कर दिया. बरी होने वाले में इस्माइल आजाद, मनोज सिंह, दिलीप सिंह और पंकज शामिल हैं. सोनू सिंह के भाई अमित सिंह के […]
जमशेदपुर : पूर्व माफिया साहेब सिंह के भांजे सोनू सिंह की हत्या मामले में एडीजे-12 की अदालत ने साकची के इस्माइल आजाद समेत अन्य को साक्ष्य के अभाव में मंगलवार को बरी कर दिया. बरी होने वाले में इस्माइल आजाद, मनोज सिंह, दिलीप सिंह और पंकज शामिल हैं.
सोनू सिंह के भाई अमित सिंह के बयान पर बिष्टुपुर थाना में इस्माइल आजाद, मनोज सिंह, दिलीप सिंह, पंकज कुमार सिंह, विनोद सिंह और सुजीत के खिलाफ गोली मार कर हत्या करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया गया था.
सिक्यूरिटी फ्लैट में हुई थी हत्या. घटना के संबंध में बताया जाता है कि सोनू सिंह 20 फरवरी 2006 की देर रात करीब दस बजे सिक्यूरिटी फ्लैट गरमनाला के क्वार्टर नंबर 23 में खाने-पीने की तैयारी कर रहा था. उसी दौरान क्वार्टर के अगल-बगल वाली सीढ़ी से 10-15 अपराधी ऊपर क्वार्टर में चढ़े और सोनू सिंह के क्वार्टर में घुस गये. चेहरा ढके लोगों को देख सोनू उस कमरे से निकल कर कुछ दूरी पर स्थित क्वार्टर नंबर 22 में चला गया. लेकिन हमलावर उसे क्वार्टर से खींच कर बाहर लाये और गोली मारी दी. भागने के दौरान अपराधियों ने सोनू सिंह को जब़डे में गोली मारी तथा चेहरे को चाकू से गोद दिया था. खून से लथपथ उसे छोड़ फरार हो गये थे. सोनू को टीएमएच लाया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.
इस्माइल आजाद और मनोज सिंह से थी सोनू सिंह की दुश्मनी. कई मामलों के अभियुक्त सोनू सिंह पर हमले के पीछे इस्माइल आजाद, मनोज सिंह, दिलीप सिंह का नाम सामने अाया था. बताया जाता है कि सोनू सिंह एवं इस्माइल आजाद के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी. मिनी बस स्टैंड पर कब्जे को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था और सोनू सिंह ने गरमनाला में आजाद पर जानलेवा हमला किया था. जिसमें आजाद के सिर में गंभीर चोट आयी थी. उसी दौरान जुस्को की ओर से गरमनाला में क्वार्टर तोड़ने का काम मनोज सिंह ने लिया था. जिसे पेटी पर लेकर आजाद काम करा रहा था. सोनू सिंह अपने साथी सनोज सिंह, बाबू पासवान के साथ मिल कर उस काम को बंद करा दिया था.साथ ही पैसे की मांग की थी. इस संबंध में मनोज सिंह ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था और बाद में सुलह कर ली थी. यह सुलह रणनीति का एक हिस्सा था. इसके बाद इस्माइल आजाद ने कोर्ट, डीएसपी, साकची थाना को आवेदन देकर कहा था कि उसने क्वार्टर तोड़ने वाला काम छोड़ दिया है और उसे वहां के विवाद से कोई लेना -देना नहीं है. इसके बाद मनोज सिंह ने पुन: सोनू सिंह, सनोज सिंह और बाबू पासवान के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज कराया था.
उपेंद्र सिंह हत्याकांड में विनोद सिंह जेल में बंद
ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह हत्याकांड में घटनास्थल से गिरफ्तार बर्मामाइंस निवासी विनोद सिंह उर्फ मोगली को सीतारामडेरा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. 30 नंवबर 2016 को उपेंद्र सिंह की जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के बार एसोसिएशन भवन में उस समय गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी, जब वह अधिवक्ता सुभाष राम के साथ अपने एक केस के मामले में विचार-विमर्श कर रहे थे. इस दौरान एक गोली विनोद सिंह को भी लगी थी. साथ ही अधिवक्ताओं की भीड़ ने विनोद सिंह को मौके पर ही दबोच कर अधमरा कर दिया गया था. बाद में पुलिस ने उसे टीएमएच में भर्ती कराया था.
क्राॅस इग्जामिनेशन में नहीं आये थे गवाह
इस्माइल आजाद के अधिवक्ता एसएन सिंह ने बताया कि केस के शिकायतकर्त्ता अमित सिंह कोर्ट में कई बार क्राॅस इग्जामिनेशन के दौरान हाजिर नहीं हुआ. कोर्ट में गवाही देने के दौरान अमित सिंह ने विस्तार से कोर्ट को घटना के सबंध में जानकारी दी थी. लेकिन जब बचाव पक्ष की ओर से क्राॅस करने के लिए अमित सिंह को कोर्ट में बुलाया गया तो वह हाजिर नहीं हुआ. इस दौरान कोर्ट को अभियुक्तों के खिलाफ कोई भी ठोस साक्ष्य नहीं मिल पाया था. कोर्ट को जो भी साक्ष्य मिला था उस आधार पर अभियुक्तों पर दोष सिद्ध नहीं हो पाया था. इस मामले में डॉक्टर की गवाही भी करायी गयी थी. इनके अलावा कोर्ट में कोई भी गवाही नहीं हो पायी थी.
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