जमशेदपुर : भारत में सत्ता लोलुपता व अदूरदर्शिता राजनीति का पर्याय बन गया है. इसके शोधन की आवश्यकता है. उक्त बातें गोवर्धन मठ पुरी पीठाधिश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने आदित्यपुर में कही. उन्होंने कहा कि वेद विहीन विज्ञान द्वारा विकास के क्रियान्वयन की प्रक्रिया घातक है. वेद सम्मत विज्ञान द्वारा ही सचमुच […]
जमशेदपुर : भारत में सत्ता लोलुपता व अदूरदर्शिता राजनीति का पर्याय बन गया है. इसके शोधन की आवश्यकता है. उक्त बातें गोवर्धन मठ पुरी पीठाधिश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने आदित्यपुर में कही. उन्होंने कहा कि वेद विहीन विज्ञान द्वारा विकास के क्रियान्वयन की प्रक्रिया घातक है. वेद सम्मत विज्ञान द्वारा ही सचमुच में लौकिक, पारलौकिक उत्कर्ष हो सकता है और भगवत प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. शासन तंत्र के जो केंद्रीय व प्रांतीय स्तर के पुरोधा हैं,
उनका दायित्व है कि आध्यात्मिक मनीषियों के संपर्क में आकर वे राजनीति को समझें. इसके अर्थ व विकास को समझें और भारत को भारत के रूप में स्थापित करने के लिए अपने दायित्व का निर्वाह करें. राम मंदिर बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम किसी राजनीतिक दल से अपेक्षा नहीं रखते हैं. भारत का कोई राजनीतिक दल नहीं है, जो हमारी अपेक्षा को पूर्ण कर सके. हमें जो करना है, उसका मार्ग हम प्रशस्त करेंगे.
इससे पूर्व गोवर्द्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती शनिवार रात तीन दिवसीय प्रवास पर जमशेदपुर पहुंचे. 11 घंटे विलंब से रात्रि लगभग 10:25 बजे जम्मू तवी-टाटा एक्सप्रेस ट्रेन से पहुंचे शंकराचार्य का टाटानगर स्टेशन पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया. ट्रेन के पहुंचते ही पूरा स्टेशन परिसर श्रद्धालुओं के ‘जय जगन्नाथ’ और ‘शंकराचार्य की जै’ के नारों से गूंज उठा. जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु जगद्गुरु को व्हीलचेयर पर बिठाकर तथा जयकारे लगाते हुए स्टेशन के बाहर लगी गाड़ी तक लाये तथा वहां से उनका काफिला आदित्यपुर रवाना हुआ.
रेल पुलिस तथा जिला पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच शंकराचार्य को आदित्यपुर पहुंचाया गया, जहां वे आगामी मंगलवार तक निवास करेंगे. इस दौरान उन्हें नगर में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में शिरकत करनी है. आदित्यपुर. एमआइजी में शंकराचार्य का हुआ स्वागत : शनिवार की रात करीब 9.30 बजे एमआइजी 45 स्थित रजनीश झा के आवास पर आये शंकराचार्य का स्वागत
मिथिला सांस्कृतिक परिषद के तत्वावधान में माला पहनाकर व स्वागत गीत गाकर किया गया. इस अवसर पर हेमचंद्र झा, नीलांबर चौधरी, मोहन सिंह, श्रीधर झा, शैलेंद्र सिंह, एनके तनेजा, किरण झा, संगीता झा, ज्ञानी झा, वेदानंद झा, केके सिंह, उपेंद्र पाठक, एसके झा, उमाकांत झा आदि उपस्थित थे.