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टाटा मोटर्स के एजीएम की हत्या

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स (टीएमएल ड्राइव लाइन) के एजीएम 38 वर्षीय ब्रजेश सहाय की टेल्को के नीलडीह इंक्लैब के समीप दलमा रोड स्थित बंगला नंबर सी-18 के सामने दो अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. उन्हें चार गोली मारी गयी. पुलिस ने घटना स्थल से 7.65 एमएम के दो खोखे बरामद किये हैं. घटना […]

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स (टीएमएल ड्राइव लाइन) के एजीएम 38 वर्षीय ब्रजेश सहाय की टेल्को के नीलडीह इंक्लैब के समीप दलमा रोड स्थित बंगला नंबर सी-18 के सामने दो अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. उन्हें चार गोली मारी गयी.

पुलिस ने घटना स्थल से 7.65 एमएम के दो खोखे बरामद किये हैं. घटना उस समय हुई, जब शनिवार रात 9.15 बजे काले रंग की इंडिगो कार से वह घर लौटे थे. घटना के बाद पड़ोस के लोग घायल ब्रजेश सहाय को उनकी कार से टाटा मोटर्स अस्पताल ले गये, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. उन्हें देखने कंपनी के कई अधिकारी पहुंच गये थे. हत्या की सूचना मिलने पर एसएसपी एवी होमकर, सिटी एसपी कार्तिक एस सभी डीएसपी और कई थानेदार घटनास्थल पर पहुंचे.

पुलिस और आउट हाउस में रहने वालों के अनुसार ब्रजेश सहाय सुबह सात बजे डय़ूटी के लिए निकले थे, जिसके बाद वे रात 9. 15 बजे घर लौटे थे. घर (सी-18, दलमा रोड) के गेट पर पहुंच कर उन्होंने जैसे ही हॉर्न बजाया और गेट खोलने के लिए आउट हाउस में रहने वाली सात वर्षीया छोटी नाथ आयी, उसी समय वहां घात लगाये दो अपराधियों ने उन पर गोलियां दाग दीं. इसके बाद दोनों पैदल ही नीलडीह इंक्लेव की बगल के रास्ते से भाग निकले. श्री सहाय को एक गोली गरदन को छेदती हुई पार कर गयी. दो गोलियां सीने के दोनों छोर में तथा चौथी गोली दायें हाथ के मसल में लगी है. श्री सहाय को तत्काल टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

इसी अंदाज में हुई थी पूर्व डीजीएम की हत्या
ब्रजेश सहाय की जिस अंदाज में हत्या की गयी है, उसी तरह वर्ष 1990 में टाटा मोटर्स के डीजीएम एसएन सहाय की भी गोली-बम मार कर हत्या कर दी गयी थी.

पांच साल पूर्व आये थे नीलडीह के बंगले में
ब्रजेश सहाय पांच साल पूर्व नीलडीह दलमा रोड स्थित बंगला नंबर सी-18 में आये थे. वे पत्नी श्वेता एवं चार वर्षीय पुत्र शौर्य के साथ रहते थे. आउट हाउस में छह माह से देवेंद्र नाथ का परिवार रहता है जिसमें एक पुत्र किशनू, दो बेटियां, सपना और छोटी नाथ रहते हैं.

एक्सएलआरआइ से किया एमबीए
सहयोगियों के मुताबिक ब्रजेश सिंह ने पटना से इंजीनियरिंग की थी तथा एक्सएलआरआइ से एमबीए की पढ़ाई की थी. ब्रजेश की बहन बिनीता सहाय पटना में एडीएम हैं. सहयोगियों ने बताया कि ब्रजेश सहाय काफी मधुर स्वभाव के थे. उनसे कोई नाखुश नहीं था.

आउटहाउस में रह रहे युवक पर शक
पुलिस को आउट हाउस में रहने वाले देंवेंद्र नाथ के पुत्र किशनू पर शक है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. किशनू शाम पांच बजे कैटरिंग में काम करने के लिए बिरसानगर गया था. उसके परिवार के किसी भी सदस्य के पास मोबाइल फोन नहीं है.

ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं
ऐसी घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. हम अपनी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठायेंगे. देखा जायेगा कि इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जाये.
एबी लाल, प्लांट हेड, टाटा मोटर्स

एसएन सहाय की 1990 में ऐसे ही हुई थी हत्या
टाटा मोटर्स के डीजीएम (एचआरडी) एसएन सहाय की 1990 नवंबर की दोपहर स्कूटर पर सवार अपराधियों ने नीलडीह ऑफिसर्स कॉलोनी स्थित घर में गोली-बम मार कर हत्या कर दी थी. बाद में राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी. सीबीआइ ने कमलेश्वर सिंह, अरविंद सिंह, कैलाश थापा, संजय सिंह को आरोपी बनाते हुए आरोप पत्र दायर किया. विशेष न्यायाधीश प्रताप सिंह की अदालत ने अरविंद सिंह को दोषी पाते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनायी, जबकि अन्य तीनों को बरी कर दिया था.

अरविंद सिंह उम्रकैद की सजा काटकर कुछ माह पूर्व ही जेल से निकला था. इसके अलावा टाटा स्टील के लैंड ऑफिसर टी गब्बा की 1991 में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. उक्त मामले में सूर्या पटेल, रंजन आहूजा समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था. उनमें से रंजन आहूजा पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया और सूर्या पटेल बरी हो चुका है. टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष वीजी गोपाल की 1993 में यूनियन कार्यालय से निकलते समय गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.

इस मामले की जांच सीबीआइ ने की और मुन्ना शर्मा उर्फ योगेंद्र शर्मा, कुणाल जेना उर्फ कुना, ललित चंद्र विश्वास एवं अमरेंद्र सिंह को उम्र कैद की सजा हुई थी. मुन्ना शर्मा कुछ दिन पूर्व ही जमानत पर जेल से बाहर निकला है. टाटा स्टील के सुरक्षा इंस्पेक्टर जयराम सिंह की 4 अक्तूबर 2008 को मॉर्निगवॉक से लौटते समय बाग ए जमशेद चौक पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में अखिलेश सिंह, मनोरंजन सिंह लल्लू, ओम प्रकाश बंटी समेत अन्य को अभियुक्त बनाया गया था. टाटा से जुड़े टीएमएच के डॉक्टर प्रभात कुमार की 16 दिसंबर 2009 को उनके घर में घुस कर गोली मार दी गयी थी. उक्त मामले में पुलिस ने पंकज दुबे, कबीर एवं उसके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

कोई बचाने नहीं आया : छोटी नाथ-सपना
आउट हाउस में रहने वाले बच्ची छोटी नाथ और उसकी बहन सपना ने बताया कि पड़ोस में एक बर्थडे पार्टी चल रही थी. उसमें ब्रजेश सहाय का चार वर्ष का बेटा शौर्या शामिल होने गया था. ब्रजेश की पत्नी स्वेता घर के अंदर थी. सवा नौ बजे साहब आये, गेट के सामने गाड़ी खड़ी कर हॉर्न बजाया. वह (छोटी नाथ) गेट खोलने पहुंची, इसी बीच दो युवक कार के सामने आये और गोली मार कर पैदल भाग गये. उसने शोर मचाया, लेकिन पड़ोस का कोई नहीं निकला. अंदर से मेम साहब निकली और जिस घर में बर्थडे पार्टी चल रही थी, वहां से एक अंकल भाग कर आये और साहब को अस्पताल ले गये.

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