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आलोचना से बचें, स्वयं को पहचानें
जमशेदपुर. टुइलाडुंगरी गाढ़ाबासा सामुदायिक केंद्र मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक ज्ञानचंद्र द्विवेदी ने आज भागवत कथा के दूसरे अध्याय की कथा सुनायी, जिसके दौरान उन्होंने राजा परीक्षित के जीवन पर प्रकाश डाला. उन्होंने श्रोताओं को दूसरों की आलोचना की जगह स्वयं को पहचानने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत […]
जमशेदपुर. टुइलाडुंगरी गाढ़ाबासा सामुदायिक केंद्र मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक ज्ञानचंद्र द्विवेदी ने आज भागवत कथा के दूसरे अध्याय की कथा सुनायी, जिसके दौरान उन्होंने राजा परीक्षित के जीवन पर प्रकाश डाला. उन्होंने श्रोताओं को दूसरों की आलोचना की जगह स्वयं को पहचानने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत को सुनना ही काफी नहीं.
उन्होंने कहा कि एक बार ईश्वर-स्मरण का प्रण लेते ही वे हृदय में प्रवेश कर वहीं लॉक हो जाते हैं. आज की कथा में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे, जबकि आज कथा को सफलता पूर्वक संपन्न कराने में कुलदीप सिंह मोती, आर के शुक्ल, सीमा जायसवाल, मनोज कुमार सिंह, चंद्रलेखा देवी, सुरेश ठाकुर, सुरेंद्र प्रसाद, श्रीनिवास ठाकुर. पुष्पा निषाद एवं रमेश पांडेय आदि अनेक लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
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