मिस्त्री को अक्तूबर अंत में अचानक टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. इसके बाद से उन्हें समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल से हटाने का सिलसिला शुरू हुआ है. टाटा टेलि ने कहा है, ‘‘कंपनी के इक्विटी शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक (इजीएम) बुधवार को हुई, जिसमें एक सामान्य प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. इसके तहत साइरस पी मिस्त्री को कंपनी के निदेशक पद से हटा दिया गया. इसके परिणामस्वरूप मिस्त्री अब कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रह गये हैं.” कंपनी के निदेशक मंडल ने टाटा संस लिमिटेड के विशेष नोटिस पर आज कंपनी की इजीएम बुलाई थी. टाटा संस की कंपनी में 36.17 प्रतिशत हिस्सेदारी है. मिस्त्री को इससे पहले मंगलवार को टाटा समूह की बेशकीमती कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के निदेशक मंडल से भी हटा दिया गया. इस दौरान बैठक में 93.11 प्रतिशत शेयरधारक उपस्थित थे.
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टाटा टेलिसर्विसेज ने भी मिस्त्री को किया कंपनी से बाहर
मुंबई : टाटा समूह की कंपनी टाटा टेलिसर्विसेज के शेयरधारकों ने बुधवार को कंपनी के चेयरमैन और निदेशक पद से सायरस मिस्त्री को हटाये जाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. यह प्रस्ताव कंपनी की प्रवर्तक टाटा संस की तरफ से लाया गया था. टाटा टेलिसर्विसेज टाटा समूह की तीसरी कंपनी है, जिसके […]
मुंबई : टाटा समूह की कंपनी टाटा टेलिसर्विसेज के शेयरधारकों ने बुधवार को कंपनी के चेयरमैन और निदेशक पद से सायरस मिस्त्री को हटाये जाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. यह प्रस्ताव कंपनी की प्रवर्तक टाटा संस की तरफ से लाया गया था.
टाटा टेलिसर्विसेज टाटा समूह की तीसरी कंपनी है, जिसके चेयरमैन और निदेशक पद से सायरस मिस्त्री को हटाया गया है.
वाडिया को हटाने के प्रस्ताव के खिलाफ हाइकोर्ट में मामला
मुंबई. टाटा समूह की कंपनियों के चार अल्पांश शेयरधारकों ने टाटा समूह की कंपनियों से नुस्ली वाडिया को स्वतंत्र निदेशक के पद से हटाने के प्रस्ताव को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. टाटा संस ने मामले में अदालत से उसे भी एक पक्ष बनाने का आग्रह किया है. उच्च न्यायालय में इस मामले के दायर होने के साथ ही सरकार को भी पहली बार घसीटा गया है. सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने के बाद शुरू हुए समूह के विवाद में कारपोरेट कार्य मंत्रालय और कानून मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है. अल्पांश शेयर धारकों की तरफ से दायर यह मामला न्यायमूर्ति एसजे कठावाला के समक्ष आया है. उन्होंने मामले की प्रति केंद्र सरकार को भेजने का निर्देश देने के साथ ही मामले को 16 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया. तब अदालत टाटा संस की मामले में पक्ष बनाने की याचिका पर भी सुनवाई करेगी.
टाटा घराने के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी : मिस्त्री
टीसीएस के निदेशक पद से हटाये जाने के एक दिन बाद सायरस पी मिस्त्री ने बुधवार को नैतिकता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मंगलवार को शेयरधारकों को अराधरण बैठक में करीब 70 प्रतिशत गैर-प्रवर्तक शेयरधारकों ने या तो उनके खिलाफ प्रस्ताव के खिलाफ मत दिया है या फिर उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.अल्पांश शेयरधारकों का रुख सुधार का संकेत : उन्होंने कहा कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के अल्पांश शेयरधारकों ने इस बात का मजबूत संकेत दिया है कि टाटा समूह में कंपनी संचालन व्यवस्था में सुधार की जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
कामकाज के मुद्दे व शेयरधारकों के अधिकार को उठाने का ऐलान : मिस्त्री ने विभिन्न मंचों से टाटा समूह में बदलाव की आवाज उठाने की प्रतिबद्धता जताई है साथ ही उन्होंने समूह में कामकाज के संचालन के मुद्दे तथा शेयरधारकों के अधिकारों की आवाज बुलंद करने का ऐलान किया.
शेयरधारकों की बैठक दंड या विरोध का प्रतीक नहीं : टीसीएस के सार्वजनिक शेयरधारकों का आभार जताते हुए लिखे पत्र में मिस्त्री ने कहा, ‘’मैं यह याद दिलाना चाहता हूं कि हाल के हफ्तों में शेयरधारकों की बैठकों में हुए मतदान किसी पद के लिए चीख-पुकार या टाटा समूह में हाल के समय में नियमों की अनदेखी के खिलाफ किसी प्रकार के दंड या विरोध का प्रतीक नहीं है.”
43 प्रतिशत संस्थागत निवेशकों ने प्रस्ताव के खिलाफ किया मतदान : उन्होंने कहा कि टीसीएस की असाधारण आम बैठक (इजीएम) का नतीजा पहले से तय था. ‘‘करीब 70 प्रतिशत गैर प्रवर्तकों ने या तो मेरे को हटाने के प्रस्ताव का विरोध किया या वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. ये शेयरधारक टीसीएस में कुल वोटों का करीब 20 प्रतिशत बनते हैं. टीसीएस में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 73 प्रतिशत है. मिस्त्री ने कहा कि खुदरा शेयरधारकों के कुल वोटों में 78 प्रतिशत मुझे हटाने के प्रस्ताव के खिलाफ पड़े. करीब 43 प्रतिशत संस्थागत निवेशकों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया. ऐसे में टीसीएस में वोटिंग अल्पांश शेयरधारकों की ओर से संकेत है कि समूह में गवर्नेंस सुधारों की अनदेखी नहीं की जा सकती.
शेयर बाजार को भेजा टीसीएस के मतदान का नतीजा : इस बीच टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा मंगलवार को हुई असाधारण आम बैठक के शेयर बाजारों को भेजे नतीजों के अनुसार 197.04 करोड़ शेयरों में से 86.71 प्रतिशत ने मतदान किया. इनमें से 93.11 प्रतिशत ने मिस्त्री को हटाने के प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया. मिस्त्री को निदेशक मंडल से हटाने संबंधी प्रवर्तक टा टाटा संस के प्रस्ताव के खिलाफ 6.89 प्रतिशत ने मत दिया. कंपनी के कुल 8.78 करोड खुदरा शेयरधारकों में से प्रस्ताव पर केवल 1.55 करोड (18 प्रतिशत से कम) ने मत दिया. बाकी 82 प्रतिशत खुदरा शेयरधारकों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. वोट देने वाले खुदरा निवेशकों में से 78 प्रतिशत या 1.21 करोड़ ने प्रस्ताव के खिलाफ मत दिया, जिसमें मिस्त्री के खुद के वोट भी शामिल हो सकते हैं. टीसीएस की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार मिस्त्री के पास 31 मार्च, 2016 तक कंपनी के 41.63 लाख या 0.21 प्रतिशत शेयर थे. इस तरह अपने हटाने के खिलाफ आधे से कम नकारात्मक मत उनके खुद के हो सकते हैं. प्रस्ताव के खिलाफ पड़े वोटों में उनके खुद के वोट 35 प्रतिशत थे.
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