नयी दिल्ली. टाटा स्टील के निदेशक मंडल सायरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर स्वतंत्र निदेशक ओपी भट्ट को अंतरिम व्यवस्था के तहत नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है. टाटा संस के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को हटाये जाने के बाद शुक्रवार को दूसरी बार टाटा स्टील के निदेशक मंडल की बैठक बुलायी गयी थी, जिसमें यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया.
कंपनी ने शेयर बाजाराें को भेजी सूचना में कहा, ‘कंपनी के निदेशक मंडल ने 25 नवंबर, 2016 को सर्कुलर प्रस्ताव के जरिये बहुमत से सायरस पी मिस्त्री को बोर्ड के चेयरमैन पद से तत्काल हटाने का फैसला किया. उनके स्थान पर स्वतंत्र निदेशक ओपी भट्ट को बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है.’ देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन ओपी भट्ट 21 दिसंबर को बुलायी गयी असाधारण आम बैठक का नतीजा आने तक चेयरमैन पद पर बने रहेंगे.
सायरस मिस्त्री को हटाये जाने के प्रस्ताव का छह निदेशकों ने समर्थन किया, जबकि स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया सहित तीन निदेशकों ने इसके विरोध में मत दिया.
कंपनी ने कहा, ‘भट्ट की चेयरमैन के रुप में नियुक्ति बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेंस के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर और कंपनी को एक पक्षपातरहित नेतृत्व प्रदान करने के लिए किया है.’
टाटा स्टील ने कहा कि इस फैसले से कंपनी में स्थिरता भी सुनिश्चित होगी और यह टाटा स्टील के अंशधारकाें के व्यापक हित में हैं. शेयर बाजाराें को अलग से भेजी सूचना में कंपनी ने कहा है कि उसके निदेशक मंडल ने 21 दिसंबर को असाधारण आम बैठक बुलाई है जिसमें मिस्त्री और नुस्ली वाडिया को निदेशक से हटाने पर विचार किया जाएगा. इससे पहले इस्पात क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टाटा स्टील ने 11 नवंबर को कहा था कि उसके निदेशक मंडल ने टाटा संस में नेतृत्व में बदलाव पर संज्ञान लिया है और उसे प्रवर्तक तथा प्रमुख शेयरधारक से सायरस मिस्त्री तथा नुस्ली वाडिया को कंपनी के निदेशक पद से हटाने के लिए असाधारण आमसभा (ईजीएम) बुलाने को कहा है. टाटा संस की टाटा स्टील में 31.35 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बाकी हिस्सेदारी अन्य संस्थागत शेयरधारकों जैसे एलआइसी, म्यूचुअल फंड व अन्य के हैं. गौरतलब है कि ओपी भट्ट को 10 जून, 2013 को टाटा स्टील का स्वतंत्र निदेशक बनाया गया था. श्री भट्ट एसबीआइ के चेयरमैन रह चुके हैं और वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, टीसीएस और हिंदुस्तान यूनीलीवर सहित कई कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक हैं.
शनिवार को हुई बोर्ड बैठक के बारे में सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार वाडिया, मिस्त्री और स्वतंत्र निदेशक सुबोध भार्गव को इस प्रस्ताव की एडवांस प्रति नहीं दी गयी थी. सायरस मिस्त्री को हटाये जाने का नोटिस उन्हें बांबे हाउस में हो रही बैठक के दौरान दिया गया. इस प्रस्ताव का टाटा ग्रुप के सबसे भरोसेमंद इशात हुसैन, स्वतंत्र निदेशक मल्लिका श्रीनिवासन, ओपी भट्ट और एंड्रू रॉब ने समर्थन किया. बोर्ड के अन्य सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया, हालांकि कार्यकारी निदेशकों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव को अपना समर्थन देने वाले टाटा स्टील बोर्ड के अन्य सदस्यों में जेकोबस श्रावन और डीके मल्होत्रा शामिल हैं.
दूसरी ओर, सायरस मिस्त्री खेमे के अनुसार वे इस प्रस्ताव को चुनौती देने के कानूनी पहलू पर विचार कर रहे हैं. उनके अनुसार कुछ स्वतंत्र निदेशकों को इसलिए सवालों के घेरे में लाया जा सकता है क्योंकि वे टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी लाभ ले रहे हैं. इस खेमे ने कहा है कि वे सभी कानूनी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं और साफ तसवीर अगले हफ्ते तक सामने आ जायेगी.
मिस्त्री को हटाने के पक्ष में वोट : इशात हुसैन, ओपी भट्ट्र, मल्लिका श्रीनिवासन, एंड्रयू रॉब, डीके मल्होत्रा, जेकोबस श्रावन
विरोध में वोट : सायरस मिस्त्री, नुस्ली वाडिया, सुबोध भार्गव