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पुलिस और निष्कासित कर्मचारी पुत्रों के बीच झड़प

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स कंपनी गेट पर अपना प्रमाण पत्र जलाने पहुंचे टाटा मोटर्स से निष्कासित पुत्रों के साथ बुधवार को पुलिस की झड़प हो गयी. इस दौरान महिलाओं को हल्की चोटें आयीं. पुलिस के रोकने के बावजूद निष्कासित पुत्रों ने टाटा मोटर्स से प्रशिक्षण के बाद मिले प्रमाण पत्रों को जलाया. लगभग आधा घंटा तक […]

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स कंपनी गेट पर अपना प्रमाण पत्र जलाने पहुंचे टाटा मोटर्स से निष्कासित पुत्रों के साथ बुधवार को पुलिस की झड़प हो गयी. इस दौरान महिलाओं को हल्की चोटें आयीं. पुलिस के रोकने के बावजूद निष्कासित पुत्रों ने टाटा मोटर्स से प्रशिक्षण के बाद मिले प्रमाण पत्रों को जलाया. लगभग आधा घंटा तक गेट के समीप अफरा- तफरी की स्थिति बनी रही. इसके बाद सभी एसडीओ से मिलने उनके कार्यालय चले गये.

प्रमाण पत्र छीनने से बढ़ा विवाद :दिन के साढ़े ग्यारह बजे के करीब कर्मचारी पुत्र टाटा मोटर्स कंपनी गेट के समीप पहुंचे थे. वहां पूर्व से पुलिस एवं कंपनी के सुरक्षाकर्मी तैनात थे. पुलिस ने उन्हें प्रमाण पत्र नहीं जलाने की चेतावनी दी. इसे लेकर पुलिस और कर्मचारी पुत्र व उनके परिजनों के बीच बहस होने लगी. पुलिस ने कर्मचारी पुत्रों को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी,लेकिन इसका असर नहीं पड़ा. पुलिस द्वारा कर्मचारी पुत्रों का प्रमाण छीनने के बाद पुलिस और कर्मचारी पुत्रों के बीच विवाद बढ़ गया. इस दौरान टेल्को थाना के एक दारोगा की टिप्पणी से कर्मचारी पुत्र आक्रोशित हो गये.

महिलाओं ने जलाया प्रमाण पत्र : महिलाओं द्वारा प्रमाण जलाते ही पुलिस प्रमाण पत्र छीनने लगी. इससे महिलाएं आक्रोशित हो गयी. पुलिस महिलाओं से भी भिड़ गयी. इस दौरान एक महिला को हल्की चोट आयी. हालांकि गेट पर कोई महिला पुलिसकर्मी तैनात नहीं थी.
एसडीओ से मिलकर कर्मचारी पुत्रों ने रखा अपना पक्ष
डीडी त्रिपाठी के नेतृत्व में निष्कासित कर्मचारी पुत्र एवं उनके परिजन बुधवार को एसडीओ से उनके कार्यालय में जाकर मिले और अपनी बातें रखीं. बातचीत लगभग डेढ़ घंटे चली. श्री त्रिपाठी ने कर्मचारी पुत्रों को बताया कि कंपनी ने जिला प्रशासन के समक्ष पक्ष रखा है कि अब बार- बार की जगह एक बार ही मेडिकल जांच होगी. मेडिकल के नाम पर निष्कासन नहीं होगा. कंपनी ने सीधे-सीधे कर्मचारी पुत्रों के साथ वार्ता की शर्त रखी है. इसी सप्ताह तिथि तय कर वार्ता करने पर सहमति बनी है. प्रमाण पत्रों के मामले में त्रिपाठी ने दोहरी नीति बनाने का आरोप कंपनी पर लगाया. उनका आरोप था कि कंपनी ने फरजी डिप्लोमा के आधार पर बाइ जीरो की नियुक्ति की. बाद में उन्हें डी ग्रेड किया गया. तो फिर टीएमएसटी के कर्मचारी पुत्रों को उनके योग्यता के आधार पर डी ग्रेड पर क्यों नहीं बहाल किया जा रहा है.

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