जमशेदपुर: ‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो.’ मशहूर शायर की ये पंक्तियां गोलमुरी, जमशेदपुर के रहने वाले अदिवासी युवा उद्यमी बसंत तिर्की पर बिल्कुल सटीक बैठती है. उन्होंने कड़ी मेहनत व लगन के बल पर अपने गारमेंट का कारोबार करने वाली कंपनी वर्ल्डइंड फैशन को सफलता की बुलंदी पर पहुंचाया है.
कारोबार को छोड़ आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां ट्राइबल युवा अपनी चमक और प्रतिभा का जलवा न बिखेर रहे हों. मौजूदा समय में ट्राइबल युवाओं ने राजनीति, कला, संगीत के अलावा सिनेमा में भी सफलता के झंडे गाड़े हैं. अदिवासियों के बीच यह जुमला अकसर सुनने को मिलता है कि आदिवासी मिट्टी काट कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर लेगा, लेकिन कारोबार कर परिवार नहीं चला सकता. बसंत तिर्की ने इस धारणा को तो गलत साबित किया ही है, साथ ही यह भी बता दिया है कि अदिवासी युवा कारोबार के क्षेत्र में भी किसी से कम नहीं. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व लगन से गारमेंट कारोबार जगत में अपनी कंपनी वर्ल्डइंड फैशन को बुलंदी तक पहुंचाया है. उनकी कंपनी टाटा ग्रुप की कंपनियों को तो गारमेंट सप्लाई करती ही है, राज्य सरकार के कल्याण विभाग में भी गारमेंट्स की आपूर्ति करती है.
बेस्ट सोशल इंटरप्रेन्योर पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
बसंत तिर्की ने अपने बिजनेस कैरियर की शुरु आत छोटे स्तर से की थी. बाद में मेहनत और लगन से अपनी कंपनी वर्ल्डइंड फैशन को नयी बुलंदियों तक पहुंचाया. कारोबार के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता के लिए बसंत को बेस्ट सोशल इंटरप्रेन्योर 2013 पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.
प्रबंधन में किया मास्टर्स डिग्री
बसंत तिर्की ने स्कूली व कॉलेज की शिक्षा जमशेदपुर में ही ली. बीकॉम के बाद प्रबंधन में मास्टर्स डिग्री, फिनांशियल चाटर्ड एनालिस्ट की डिग्री एवं कंप्यूटर में दक्षता भी प्राप्त की है. वे अपना आदर्श स्व. कार्तिक उरांव को मानते हैं तथा कार्तिक उरांव द्वारा स्थापित सामाजिक संस्था अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् के बैनर तले लोगों को जागरूक भी करते हैं.
20 लोगों को दे रहे रोजगार
बसंत ने अकेले ही अपना कारोबार शुरू किया था, लेकिन आज वे गोलमुरी स्थित अपनी यूनिट में 20 लोगों को रोजगार दे रहे हैं. महिलाओं को सम्मान देने के लिए कंपनी में आधे से अधिक महिलाओं को ही काम का अवसर दिया है.
आदिवासी परिवारों को कारोबार से जोड़ेंगे : बसंत
बसंत तिर्की ने बताया उनकी हर आदिवासी परिवार को कारोबार से जोड़ने की इच्छा है और इसके लिए वे समाज के लोगों, खास कर युवाओं को प्रेरित भी करते हैं. उन्होंने बताया कि सफलता की राह में देर है, अंधेर नहीं. हर क्षेत्र में बेहतर कैरियर है, जरूरत सिर्फ अपने नजरिये में बदलाव लाने की है.