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शरीयत में बदलाव नहीं सहेंगे मुसलमान

जमशेदपुर : इदार-ए-शरीया के बिहार प्रमुख गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि समय-समय पर मुसलमानाें से देश के चंद लाेग सर्टिफिकेट मांगने की काेशिश करते हैं कि वे भारतीय हैं या नहीं. अब ऐसी चीजाें से बाज आना चाहिए. मुसलमान अपने देश की आबरू-इज्जत बचाने के लिए मर-मिटने के लिए तैयार हैं. कई ऐसे माैके […]

जमशेदपुर : इदार-ए-शरीया के बिहार प्रमुख गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि समय-समय पर मुसलमानाें से देश के चंद लाेग सर्टिफिकेट मांगने की काेशिश करते हैं कि वे भारतीय हैं या नहीं.
अब ऐसी चीजाें से बाज आना चाहिए. मुसलमान अपने देश की आबरू-इज्जत बचाने के लिए मर-मिटने के लिए तैयार हैं. कई ऐसे माैके आये, जब मुसलमानाें के घर जला दिये गये, दुकानें जला दी गयीं, बेकसूर नाैजवानाें काे साजिश के तहत वर्षाें जेल में बंद रखा, हमने कुछ नहीं कहा, विराेध नहीं किया, मुआवजा नहीं मांगा. देश की हुकूमत कान खाेलकर सुन ले, अल्लाह की बनायी शरीयत में यदि किसी भी तरह का बदलाव या छेड़छाड़ का प्रयास हुआ, ताे अब मुसलमान चुप नहीं बैठेंगे, सड़काें पर उतरेंगे.
धातकीडीह स्थित सामुदायिक मैदान में रविवार काे मदरसा फैजुल उलूम द्वारा ‘शरीयत बचाआे दीन बचाआे’ के तहत केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक में सुप्रीम काेर्ट में दिये गये हलफनामे के विराेध में एक जलसा का आयाेजन किया था. जलसा के दाैरान प्रमुख इमाम-माैलाना तीन तलाक में बदलाव की साजिश काे लेकर केंद्र सरकार पर जमकर बरसे. साेमवार काे उपायुक्त काे कमेटी एक ज्ञापन साैंपेगी, 19 काे रांची स्थित बाबा रिसालदार की मजार के पास मैदान में इसी मसले पर जलसा आयाेजित किया जायेगा.
जलसे की अध्यक्षता हाजी एेनुद्दीन खान ने की. समाराेह काे मुफ्ती आबिद हुसैन, माैलाना सलाउद्दीन आैर डॉ गुलाम जरकानी ने संबाेधित किया. जलसे में गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि हुकूमत का काम देश की सेवा करना है, आधारभूत संरचना काे मजबूत करना है, लाेगाें काे राेजगार देना है, आपसी सौहार्द कैसे बना रहे, इस पर काम करना है.
हुकूमत का काम मियां-बीबी के झगड़े सुलझाना नहीं है. पीएम माेदी में यदि हिम्मत है ताे देश के विभिन्न शहराें में आबरू बेचकर दो वक्त की राेटी कमानेवाली बेटियाें काे जलालत की जिंदगी से निकालकर राेजगार प्रदान करें. बलियावी ने कहा कि सरकार काे फास्ट ट्रैक काेर्ट बनाने चाहिए, जिसमें तीन माह में फैसला हाे. मुसलमान यदि आतंकवादी है ताे उसे फांसी दे दाे, लेकिन निर्दाेष साबित हुआ ताे उसे रिहा कराे आैर उस अधिकारी काे फांसी दाे, जिसने निर्दाेष मुसलमान काे आतंकवादी बनाया. उन्हाेंने माैजूद लाेगाें से अपील की कि वे तैयार रहें.
हर मुहल्ले में 313 लाेगाें की कमेटियाें बनाने की अपील की गयी. सभा में मंच पर मुसलिम फ्रंट के केंद्रीय अध्यक्ष हाजी हिदायतुल्लाह खान, कारी असलम रव्बानी, मुफ्ती जियाउल मुस्तफा, माेहम्मद अब्दुल हन्नान, मतीउल्लाह हबीबी, गुलाम हैदर, कारी मुस्तफा, माैलाना हारुण रशीद, हाफिज असरार अहमद, नसीर अहमद, मुफ्ती अब्दुल मालिक, इश्यिताक अहमद, माैलना इरशाद, माेहम्मद हाफीजुद्दीन के अलावा काफी संख्या में विभिन्न मसजिदाें के इमाम, माैलाना, अल्लामा, आलिम व समाज के लाेग माैजूद थे.

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