आदित्यपुर: औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्थापना के लिए किये जा रहे प्लॉट आवंटन के लिए ई-बिडिंग प्रक्रिया अपनाये जाने का उद्यमियों ने विरोध किया है. बुधवार को उद्यमी संगठन सिंहभूम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व लघु उद्योग भारती के सदस्य आयडा एमडी क श्रीनिवासन से मिलकर ई-बिडिंग बंद किये जाने की मांग की. उद्यमियों ने कहा कि आयडा की स्थापना उद्योगों के प्रोत्साहन व युवकों को रोजगार का अवसर मुहैया कराने के लिए हुआ था, लेकिन ई-बिडिंग से सिर्फ बड़ी पूंजी वाले लोग ही उद्योग के लिए प्लॉट ले सकेंगे. पहली पीढ़ी के उद्यमी के लिए बड़ी राशि उपलब्ध नहीं होगी. यह नियम लाद दिया गया है.
प्लॉट कोई कोयले की खदान या स्पेक्ट्रम नहीं है जिसकी नीलामी की जाये. इसलिए छोटे-छोटे उद्योगों को ई-बिडिंग से अलग रखा जाय. प्लॉट के आवेदकों द्वारा प्रस्तुत परियोजना, रोजगार आदि बिंदुओं पर मिले अधिकतम अंक के आधार पर प्लॉट का आवंटन किया जाय. इस अवसर पर आयडा सचिव हरि कुमार केशरी, डीडीओ एचएन सिंह, उद्यमी प्रमोद सिंह, वीपी सिंह, एचआर जैन, आनंद चौधरी, उदय सिंह, संतोष सिंह समेत कई अन्य उद्यमी उपस्थित थे.
प्रत्येक शनिवार को मिलेंगे एमडी
आयडा एमडी प्रत्येक शनिवार को शाम 4 बजे उद्यमियों से मिलेंगे. इस दौरान वे सभी उद्यमी संगठनों के दो-दो प्रतिनिधियों के साथ मिलकर उनकी समस्या पर चरचा करेंगे.
विभाग को भेजी जायेगी रिपोर्ट
उद्यमियों की बातें सुनने के बाद आयडा एमडी के श्रीनिवासन ने कहा कि उद्यमी आयडा से क्या अपेक्षा रखते है, इसकी जानकारी लिखकर दी जाय. ई-बिडिंग के मामले में वे उद्यमियों से सहमत हैं. इस संबंध में पहले भी विभाग को लिखा जा चुका है. जमीन के आवंटन के लिए क्या प्रक्रिया अपनायी जाये, इस पर आयडा के मंतव्य के साथ रिपोर्ट उद्योग विभाग को भेज दी जायेगी. एमडी ने उद्यमियों द्वारा बीमार हो चुकी कंपनी की जमीन का आवंटन रद्द नहीं किये जाने की मांग पर कहा कि आयडा इस मामले में किसी को परेशान नहीं कर रहा है, लेकिन यह अपनी शक्ति का इस्तेमाल जरूर करेगा. जो लंबे से आवंटित प्लॉट पर उत्पादन नहीं कर रहे हैं. उनके आवंटन को रद्द करना ही पड़ेगा.