जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में करीब 200 अधिकारियों को सीआरएस दिया गया है. 31 जनवरी तक इसके लिए आवेदन देने की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी थी. सीआरएस देने के लिए लगातार अधिकारियों पर दबाव था. 200 अधिकारियों को सीआरएस देने की योजना फलीभूत होने के बाद अब अधिकारियों की सीधे छुट्टी हो सकती है.
इस बारे में मैनेजमेंट अधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. इधर,अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. किसकी नौकरी बचेगी और किसकी जायेगी, इसको लेकर हर किसी में चिंता व्याप्त है.
वहीं, एक राष्ट्रीय वित्तीय अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है, जिसमें बताया गया है कि कंपनी की योजना करीब पांच हजार अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या को कम करने की है. जमशेदपुर के अलावा पंतनगर और लखनऊ में भी यह कटौती की जायेगी. खास तौर पर कॉमर्शियल वाहनों के सेक्शन में यह कटौती की जा रही है. कोई भी अधिकारी इस पर कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं है. लगातार मंदी के दौर से गुजर रही कंपनी अपने हालात को ठीक करने के लिए यह कदम उठा रही है.खबरों को अगर सही माना जाये तो पहले चरण में ढाई हजार लोगों की छंटनी की जायेगी. कंपनी इसके लिए 14 माह का वेतन और तीन माह का नोटिस स्कीम का लाभ दे रही थी. अब समय पूरा हो चुका है, अत : इस स्कीम का लाभ नहीं उठाया जा रहा है.
स्कीम की तिथि आगे बढ़ाने की तैयारी
बताया जाता है कि मैनेजमेंट संख्या को बढ़ाने के लिए सीआरएस की तय तिथि को बढ़ाने की भी योजना बना रही है. इस दिशा में आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. हालांकि स्कीम की तिथि बढ़ाने को लेकर कोई अधिकारिक बयान अब तक जारी नहीं किया गया है. वैसे अब तक सीआरएस देने के मद में ही कंपनी करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक अब तक खर्च कर चुकी है.