शहर से सटे होने के बावजूद उत्तर पूर्व बागबेड़ा पंचायत में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी है. इस पंचायत की सभी बस्तियां रेलवे कमांड एरिया में आती हैं. यहां न रेलवे की ओर से सुविधाएं मिलती हैं, न ही पंचायत स्तर से काम हो रहा है.
पंचायत स्तर पर आयोजित आमसभा में रोड, नाली, कलवर्ट व साफ-सफाई पर ही सिर्फ चर्चा हो पाती है.
भवन निर्माण से संबंधित किसी तरह का काम रेलवे से एनओसी लेने में अटक जाता है. पंचायत में दैनिक मजदूरी करने वाले लोग ज्यादा रहते हैं. पेयजल की समस्या है. 80 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं है. नालियों की साफ-सफाई नहीं होने से सड़क पर दूषित पानी बहता है. बस्ती वासियों का कहना है कि जब पंचायत की सुविधा ही नहीं मिलनी है तो पंचायत बने रहने का क्या औचित्य है?. लिकेज पाइप पर आश्रित हैं एक हजार परिवारत्र
इस पंचायत क्षेत्र से होकर बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना व रेलवे की पाइप लाइन गुजरता है. पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा पेयजल की सुविधा मांगने पर रेलवे क्षेत्र का हवाला देकर उन्हें शांत करा दिया जाता है. रेलवे के पाइप का दो जगहों पर लिकेज है. उसी से निकलने वाले पानी पर तकरीबन एक हजार परिवार पेयजल के लिए आश्रित हैं. वे वहीं नहाते व कपडे़ धोते हैं.