जमशेदपुरः टाटा वर्कर्स यूनियन के विपक्षी खेमे की रविवार को एग्रिको मैदान में बैठक हुई जिसमें सत्ता पक्ष द्वारा करवाये गये आइबी समझौते को मजदूर विरोधी करार दिया गया.
बैठक में कहा गया कि सत्ता पक्ष के द्वारा चुनाव के पश्चात जो तीन समझौते किये गये उसमें मजदूरों को काफी नुकसान हुआ. बैठक में प्रवीण कुमार, अरुण सिंह, दिवाकर, राजा सिंह, शैलेश मुखी, निजामुद्दीन, जहीर खान, आलोक बनर्जी, दिलीप सिंह, अरुण दुबे व अनवर समेत अन्य शामिल थे. विपक्ष नेविज्ञप्ति जारी कर आइबी पर बिंदुवार खामियां दिखायी जो कि इस प्रकार है.
|आइबी का एग्रीमेंट 28 वर्षों के बाद हुआ पर इसका अगले समझौता के लिए कोई ड्यू डेट नहीं दिया गया.
|जनवरी 2012 से आइबी का एरियर नहीं दिलाया गया जिससे कर्मचारियों को आठ से 10,000 रुपये का नुकसान हुआ.
|मिनिस्ट्रीयल स्टाफ, हॉस्पिटल, सिक्युरिटी, एकाउंट्स विभाग के लोगों का आइबी बहुत कम है और इनपर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया.
|एसोसिएट वर्ग के कर्मचारियों की पुरी तरह से अनदेखी की गयी. रि ऑर्गेनाइजेशन का एग्रीमेंट बेसिक के अनुसार इंक्रीमेंट मिलता था पर अभी न्यूनतम राशि फिक्स कर दी गयी है.
|वर्तमान एग्रीमेंट दस वर्ष के लिए किया गया है जिसके कारण दो ग्रेड रिवीजन गुजर जाएंगे और कर्मचारियों के इंक्रीमेंट की बढ़ोत्तरी रह जायेगी.
|यह एग्रीमेंट 01.05.2013 को लागू किया गया है जिससे एचएसएम, एलडी 2 व कैमिकल लैब समेत अन्य विभाग जहां की दो-तीन वर्ष पहले रि ऑर्गेनाइजेशन किया गया था, उनको एरियर बेनिफीट से वंचित रहना पड़ा.
|इस अवधि में जो कर्मचारी सेवानिवृत, इएसएस या नौकरी छोड़ो-नौकरी पाओ के अंतर्गत जा चुके हैं उनलोगों को इंक्रीमेंट तथा इसके एरियर के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा.