जमशेदपुर: राज्य सरकार ने ओड़िया भाषा की पुस्तकों का प्रकाशन करने का निर्णय लिया है. फिलहाल राज्य सरकार पहली व दूसरी कक्षा की किताबों का प्रकाशन करेगी. उसके बाद क्रमश: आगे की कक्षाओं के लिए भी किताबों का प्रकाशन होगा, ताकि ओड़िया माध्यम विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की परेशानी दूर हो. साथ ही उन्हें […]
जमशेदपुर: राज्य सरकार ने ओड़िया भाषा की पुस्तकों का प्रकाशन करने का निर्णय लिया है. फिलहाल राज्य सरकार पहली व दूसरी कक्षा की किताबों का प्रकाशन करेगी. उसके बाद क्रमश: आगे की कक्षाओं के लिए भी किताबों का प्रकाशन होगा, ताकि ओड़िया माध्यम विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की परेशानी दूर हो.
साथ ही उन्हें राज्य की संस्कृति से अवगत कराया जा सके. अब तक राज्य के ओड़िया माध्यम विद्यालयों में ओड़िशा के सिलेबस की किताबें चलायी जाती हैं. चूंकि किताबें ओड़िशा से प्रकाशित होती हैं, इस कारण उन किताबों में झारखंड की संस्कृति वगैरह से संबंधित सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती है. ओड़िया भाषा की पुस्तकों के प्रकाशन को लेकर राज्य मानव संसाधन विकास विभाग, रांची में शिक्षा सचिव ने सोमवार को बैठक की.
इसमें नौवीं व 10वीं कक्षा की किताबों पर भी चर्चा हुई. बैठक के पश्चात जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह व उत्कल एसोसिएशन के संजय पांडा ने बताया कि चूंकि नौवीं व 10वीं कक्षा में 1998 के सिलेबस के अनुसार ही किताबें चलायी जा रही हैं, इसलिए विभागीय निदेशक ने इस मसले पर झारखंड अधिविद्य परिषद से स्वीकृति लेने की बात कही है, ताकि नौवीं व 10वीं कक्षा के लिए नया सिलेबस तैयार किया जा सके.
इससे पूर्व पहली व दूसरी कक्षा की किताबें तैयार करने के लिए बुद्धिजीवियों की एक कमेटी का गठन किया जायेगा. इसमें ओड़िया समाज के बुद्धिजीवी, कुछ सेवानिवृत्त शिक्षकों को शामिल किया जायेगा. बैठक में श्री सिंह व श्री पंडा के अलावा कोल्हान के तीनों जिला शिक्षा अधीक्षक, उत्कल एसोसिएशन के किशोर महंती, एसएस दास, आदित्यपुर से कृष्णा प्रधान, सरायकेला से सुशील षाड़ंगी, पश्चिमी सिंहभूम से सरोज प्रधान, पूर्णेंदु नंदा, उत्कल समाज गोलमुरी से आरके मिश्र, डॉ उत्पला दास व अन्य शामिल हुए.