गम्हरिया: घर में उपयोग होनेवाले वैसे घरेलू सामान जिन्हें लोग अक्सर उपयोग के बाद फेंक देते हैं, वैसे बेकार व टूटे-फूटे सामानों को जोड़ कर नयी चीजें बना लेता है आभाष मार्डी. 12 वर्षीय आभाष मार्डी की प्रतिभा देख कर लोग उसे जूनियर कलाम कह कर बुलाते हैं.
आभाष गम्हरिया प्रखंड की सुदूरवर्ती बुरूडीह पंचायत अंतर्गत छोटे से गांव बड़ामारी का रहनेवाला है. उसके पिता लाल मार्डी टाटा स्टील कंपनी में ठेका मजदूर हैं. वह गांव में ही स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में सातवीं कक्षा में पढ़ता है.आभाष ने बताया कि पहले उसके चाचा गोबर गैस से लाइट जलाया करते थे. यह देख कर उसे भी कुछ नया करने की प्रेरणा मिली. उसने घरेलू सामानों से अपनी जुगाड़ टेक्नोलॉजी विकसित कर ली. इस तरह उसने खिलौना जेसीबी, खिलौना पानी जहाज और खिलौना स्टीमर बनाया. ये सभी मोटर से संचालित होते हैं. इसके अलावा उसने गोबर से बिजली बनाने, हाइड्रोजन गैस बनाने आदि का एक्सपेरीमेंट भी किया. खास बात यह कि इसके लिए उसने परखनली, स्टैंड व जरूरी अन्य उपकरण भी खुद ही बनाये.
बना रहा है अनोखी कार
आभाष इन दिनों एक अनोखी टॉय कार बनाने में व्यस्त है, जो जमीन के साथ साथ पानी में चलेगी. इसके बाद आभाष एक टॉय हवाई जहाज बनाना चाहता है. इस काम में आर्थिक तंगी उसके आड़े आ रही है.
आभाष के काम
जेसीबी : गुड़ाखु की खाली डब्बी, चार कलम, छह सीरींज, एक पाइप और खिलौना जेसीबी के ढांचे से टॉय जेसीबी बनायी, जो खुद मिट्टी खोदता है.
पानी जहाज : मोबिल का डब्बा और मोबाइल की खराब बैटरी से टॉय पानी जहाज बनाया.
गोबर से बिजली बनायी : गुड़ाखु का डब्बा, गोबर, नमक का घोल व खराब बैटरी के जस्ते का उपयोग कर गोबर से बिजली बना दी, जिससे बल्ब जल सकता है.
हाइड्रोजन गैस : नमक का घोल, एक कांच की बोतल, तांबे का तार, बैटरी आदि का उपयोग कर उसने पानी से हाइड्रोजन गैस को अलग करने का यंत्र बना दिया.
परखनली का स्टैंड : चार पेन, एक रीफील, एक तार व एक खराब दीवाल घड़ी से बनाया स्टैंड.
स्टीमर : मोबिल डब्बा का टुकड़ा, कीट, मोटर, रिमोट आदि से टॉय स्टीमर बनाया.
जुगाड़ टेक्नोलॉजी से ही विद्युत कॉल बेल भी बनाया.