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ट्रेड यूनियन: उपायुक्त कार्यालय के पास हुई सभा, सौंपा ज्ञापन एकजुट हुए मजदूर नेता
जमशेदपुर: केंद्र सरकार द्वारा मजदूर विरोधी नये कानूनों के खिलाफ सभी ट्रेड यूनियन ने एकजुट होकर आंदोलन किया. गुरुवार को सारे ट्रेड यूनियन नेताओं ने एकजुट होकर सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराया. सभी ने डीसी ऑफिस के सामने सभा कर डीसी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा. साथ ही चेतावनी दी गयी […]
जमशेदपुर: केंद्र सरकार द्वारा मजदूर विरोधी नये कानूनों के खिलाफ सभी ट्रेड यूनियन ने एकजुट होकर आंदोलन किया. गुरुवार को सारे ट्रेड यूनियन नेताओं ने एकजुट होकर सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराया. सभी ने डीसी ऑफिस के सामने सभा कर डीसी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा. साथ ही चेतावनी दी गयी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां से लेकर पश्चिमी सिंहभूम तक नये सिरे से आंदोलन शुरु किया जायेगा.
ये थे मौजूद : इंटक के राष्ट्रीय नेता राकेश्वर पांडेय, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय, टाटा वर्कर्स यूनियन के महामंत्री बीके डिंडा, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू, उपाध्यक्ष सह यूथ इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविंद पांडेय, टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष शिवेश वर्मा, भगवान सिंह, शहनवाज आलम, कोषाध्यक्ष प्रभात लाल, यूथ इंटक के जिला अध्यक्ष नितेश राज, एआइसीसीटीयू के ओमप्रकाश सिंह, सीटू के विजयकांत लाल दास, हिंद मजदूर संघ के दिनेश शर्मा, इंटक नेता सह कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय खान, मजदूर नेता संजीव श्रीवास्तव, एटक नेता सलीम, एटक नेता बीएन सिंह, जेपी सिंह आदि.
राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त का ज्ञापन सौंपकर की गयी ये मांग
श्रमिकों के हित के विरुद्ध श्रम कानूनों में किये गये संशोधनों को वापस लिया जाये.
न्यूनतम वेतन 18000 रुपये मासिक निर्धारित किया जाये.
ठेका प्रथा व आउटसोर्सिंग समाप्त कर ठेका मजदूरों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन और अन्य सुविधाएं दी जायें.
सरकार की विभिन्न स्कीम जैसे आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा, पारा शिक्षकों आदि का लाभ देकर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये.
रक्षा बीमा, रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और सार्वजनिक क्षेत्रों के प्रतिष्ठानों में विनिवेश पर रोक लगे.
ट्रेड यूनियन का निबंधन 45 दिनों के भीतर किया जाये.
ईएसआइ और र्इपीएफ को ऐच्छिक बनाने के प्रस्ताव को रद्द करें.
बोनस और पीएफ से सीलिंग समाप्त की जाये और ग्रेच्यूटी की मात्रा में बढ़ोत्तरी की जाये.
आइएलओ कंवेंशन 97 और 98 को अनुमोदित किया जाये.
आवश्यक वस्तुओं के मूल्य बढ़ोत्तरी पर रोक लगायी जाये.
सभी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाये.
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