24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छिड़ी दाग की परंपरा बरकरार

छिड़ी दाग की परंपरा बरकरारटुसू में पर्व के दूसरे दिन आखन जतरा में छिड़ी दागकी है परंपरा (फ्लैग -दर्द को दूर करने के लिए लगवाते हैं छिड़ी दागफोटो- डीएस 3 व 4वरीय संवाददाता, जमशेदपुर टुसू में पर्व के दूसरे दिन (आखन जतरा में) छिड़ी दाग करने की परंपरा अभी भी बरकरार है. आदिवासी समाज में […]

छिड़ी दाग की परंपरा बरकरारटुसू में पर्व के दूसरे दिन आखन जतरा में छिड़ी दागकी है परंपरा (फ्लैग -दर्द को दूर करने के लिए लगवाते हैं छिड़ी दागफोटो- डीएस 3 व 4वरीय संवाददाता, जमशेदपुर टुसू में पर्व के दूसरे दिन (आखन जतरा में) छिड़ी दाग करने की परंपरा अभी भी बरकरार है. आदिवासी समाज में मान्यता है कि है कि छिड़ी दाग लगवाने से पेट की समस्या दूर हो जाती है. गांव-देहातों में बच्चे-बुजुर्ग सभी स्वेच्छा से छिड़ी दाग लगवाते हैं. बुजुर्ग जिन्हें कमर या गर्दन आदि में दर्द की शिकायत होती है, वे कमर या गर्दन में छिड़ी दाग लगवाते हैं.कैसे बनता है औजारयह लोहे के छोटे छड़ से बना होता है. इसके आगे की ओर तीन प्वाइंट होते हैं. छिड़ी दाग के औजार को गोयठे की आग में गर्म किया जाता है. जब कोई छिड़ी दाग लगवाता है तो चट की आवाज आती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें