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विकास: नगर परिषद् से टेंडर होने के सालभर बाद भी काम शुरू नहीं हुआ, टाउन हॉल के लिए हुआ पीआइएल

आदित्यपुर: नगर पर्षद क्षेत्र की जनता को इतने वर्षों के बाद भी टाउन हॉल, अच्छा स्टेडियम या इंडोर स्टेडियम की सुविधा प्राप्त नहीं हुई है. इसके लिए उन्हें जमशेदपुर जाना पड़ता है. जमीन व धन उपलब्ध रहने के बावजूद एनओसी के नाम पर उलझे टाउन हॉल के मामले में अाजीज होकर जन कल्याण मोरचा ने […]

आदित्यपुर: नगर पर्षद क्षेत्र की जनता को इतने वर्षों के बाद भी टाउन हॉल, अच्छा स्टेडियम या इंडोर स्टेडियम की सुविधा प्राप्त नहीं हुई है. इसके लिए उन्हें जमशेदपुर जाना पड़ता है. जमीन व धन उपलब्ध रहने के बावजूद एनओसी के नाम पर उलझे टाउन हॉल के मामले में अाजीज होकर जन कल्याण मोरचा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

मोरचा के सचिव सह नप के पार्षद पांडी मुखी ने जनहित याचिका (डब्ल्यूपी पीआइएल/63/05/2015) दायर की है. इसमें कोर्ट से गुहार लगायी गयी है कि आवास बोर्ड को जमीन का सीमांकन करवाने का आदेश देकर टाउन हॉल के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कराया जाये. यह जानकारी मोरचा के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने दी. इस अवसर पर याचिकाकर्ता श्री मुखी के अलावा मोरचा के सचिव देव प्रकाश, अक्षेस के पूर्व सदस्य राजमंगल ठाकुर व कांग्रेस के दिवाकर झा उपस्थित थे.
प्लान में टाउन हॉल चिन्हित है
आवास बोर्ड के प्लान में आरआइटी थाना के पास टाउन हॉल के लिए 0.556 एकड़ जमीन चिन्हित है. बोर्ड द्वारा 7 नवंबर 2015 को इसकी जानकारी उपायुक्त को भी दी गयी है. गतवर्ष पार्षद पांडी मुखी, शशि देवी, प्रदीप मुखी व राजमणी देवी ने आवास बोर्ड व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव से टाउन हॉल बनवाने की मांग की थी. उपायुक्त ने 10 नवंबर 2015 को इसकी अनुशंसा की थी. इसके डेढ़ माह बाद भी आवास बोर्ड ने मंतव्य नहीं दिया.
2014 में निकला तीन करोड़ का टेंडर
टाउन के निर्माण के लिए 10 अक्तूबर 2014 में 3,76,84,285 रुपये का टेंडर निकाला गया. जमीन का पेंच फंस जाने के कारण काम शुरू नहीं हो सका.
2003 से अटका है टाउन हॉल
जन कल्याण मोरचा के अनुसार टाउन हॉल बनाने का मामला 2003 से अटका हुआ है. आवास बोर्ड की निष्क्रियता व नगर परिषद के अधिकार की जानकारी पूर्ण नहीं होने के कारण विकास कार्य बाधित है. आवास बोर्ड किसी भी आवेदन को बिना नक्शा से मिलान किये मामले को मुख्यालय भेज देता है. वर्ष 1989 में ही आवास बोर्ड द्वारा दिंदली क्षेत्र को छोड़ पूरी कॉलोनी का नक्शा स्थानीय निकाय को हैंडओवर किया गया. ऐसे में सार्वजनिक काम के लिए आवास बोर्ड से एनओसी की जरूरत नहीं है. तत्कालीन अक्षेस के कार्यकाल में यहां 13 सरकारी स्कूल बनवाये गये थे. टाटा कंपनी द्वारा जनहित में कई पार्क व कुआं का निर्माण कराया गया. इसलिए पहले से तय जमीन पर टाउन हॉल का निर्माण हो और बाकी जमीन को खेल के मैदान के रूप में विकसित किया जाये.

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