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अटक रहा बागबेड़ा और छोटागोविंदपुर जलापूर्ति का काम

अटक रहा बागबेड़ा अौर छोटागोविंदपुर जलापूर्ति का काम शिलान्यास के बाद नौ माह बाद स्थल बदला, कहीं एनओसी तो, कहीं पब्लिक विरोध से जूझ रहा प्रोजेक्टवरीय संवाददाता, जमशेदपुरविश्व बैंक पोषित बागबेड़ा अौर छोटागोविंदपुर जलापूर्ति के शिलान्यास के नौ माह बाद भी योजना की प्रगति काफी धीमी है. बागबेड़ा जलापूर्ति के लिए दोमुहानी (सोनारी) सुवर्णरेखा नदी […]

अटक रहा बागबेड़ा अौर छोटागोविंदपुर जलापूर्ति का काम शिलान्यास के बाद नौ माह बाद स्थल बदला, कहीं एनओसी तो, कहीं पब्लिक विरोध से जूझ रहा प्रोजेक्टवरीय संवाददाता, जमशेदपुरविश्व बैंक पोषित बागबेड़ा अौर छोटागोविंदपुर जलापूर्ति के शिलान्यास के नौ माह बाद भी योजना की प्रगति काफी धीमी है. बागबेड़ा जलापूर्ति के लिए दोमुहानी (सोनारी) सुवर्णरेखा नदी तट पर इंटेकवेल बनने का डीपीआर बना था, प्रोजेक्ट को मंजूरी भी मिली थी. लेकिन विश्व बैंक की टीम ने शिलान्यास के आठ माह बाद खरकई नदी घाट के समीप इंटकवेल बनाने का सुझाव दे दिया. अब प्रोजेक्ट देख रहे पीएचइडी के चीफ इंजीनियर स्तर अधिकारी ने खरकई नदी में संभावित स्थल का मुआयना भी किया है, लेकिन स्थल का अंतिम रूप से चयन के लिए विश्व बैंक के वरीय पदाधिकारियों की टीम के आने का इंतजार है. इसके अलावा बागबेड़ा घाघीडीह जेल के समीप डब्ल्यूटीपी (वाटर टीटमेंट प्लांट) के चिह्नित स्थल पर स्थानीय लोग श्मशान घाट की जमीन लेने का विरोध कर रहे हैं. छोटागोविंदपुर जलापूर्ति : काम शुरू करने में अब भी पेंच-एनओसी देने के बाद कंपनी ने एमओयू की शर्त रखी, जिला प्रशासन ने टाटा मोटर्स के बाद अब टाटा स्टील से बात कीजमशेदपुर. छोटागोविंदपुर जलापूर्ति के लिए हुडको व लोहाबासा में डब्ल्यूटीपी अौर इंटेकवेल बनाने के लिए स्थल का चयन किया गया है. सब लीज की जमीन होने के कारण जिला प्रशासन की अनुमति के बाद कंपनी से सबलीज जमीन का एनओसी लिया गया है. लेकिन कंपनी ने जमीन देने पर जिला प्रशासन से एमओयू करने की नयी शर्त रखी है. इसकी सूचना पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के आला अधिकारी ने जिला प्रशासन को दी. इस पर डीसी ने टाटा मोटर्स की बजाय सबलीज के मूल मालिक टाटा स्टील के उच्चाधिकारी से बात की अौर अविलंब जमीन का जनहित (जलापूर्ति योजना) उपयोग सरकार के द्वारा किये जाने की जानकारी दी है. इस पर टाटा स्टील के उच्चाधिकारी ने कंपनी से राय-विमर्श कर जल्द उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है. इस कारण छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना में शिलान्यास के नौ बाद भी काम अटका पड़ा है.वर्जन“ योजना में सभी अड़चन को जल्द दूर कर काम शुरू किया जायेगा. कुछ चीजों छोड़कर जलापूर्ति के दोनों प्रोजेक्ट में कहीं कोई दिक्कत नहीं है. – राजेंद्र प्रसाद, अधीक्षण अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर

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