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टाटा स्टील के कर्मचारियों का वर्कलोड बढ़ेगा ..

टाटा स्टील के कर्मचारियों का वर्कलोड बढ़ेगा ..-प्रति कर्मचारी 1500 टन लिया जायेगा प्रोडक्शनस्थायी कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी वर्तमान और योजना एक नजर में :वर्ष 2015 तक 623 टन क्रूड स्टील प्रति कर्मचारी प्रोडक्शन कर रहा हैवर्ष 2021 तक 1500 टन क्रूड स्टील प्रति कर्मचारी प्रति टन का उत्पादन कराने का लक्ष्यटाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट […]

टाटा स्टील के कर्मचारियों का वर्कलोड बढ़ेगा ..-प्रति कर्मचारी 1500 टन लिया जायेगा प्रोडक्शनस्थायी कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी वर्तमान और योजना एक नजर में :वर्ष 2015 तक 623 टन क्रूड स्टील प्रति कर्मचारी प्रोडक्शन कर रहा हैवर्ष 2021 तक 1500 टन क्रूड स्टील प्रति कर्मचारी प्रति टन का उत्पादन कराने का लक्ष्यटाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में नये और पुराने विभागों की प्रोडक्टविटी एक नजर में :कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी-पुराने विभाग 6.8 एमटीपीए प्लांट में-नये प्लांट विस्तारीकरण के बाद 3 एमटीपीए प्लांट में-ओवरऑल टाटा स्टील के स्थायी कर्मचारी-529-1186-623 (सभी आंकड़े प्रति टन क्रूड स्टील, प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष)टाटा स्टील के स्थायी कर्मचारी व ठेका मजदूर मिलाकर-231-307-247 (सभी आंकड़े प्रति टन क्रूड स्टील, प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष) यह है विभिन्न कंपनियों का बेंचमार्क (मानक) :टाटा स्टील यूरोप-1000 प्रति टन क्रूड स्टील, प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष (सिर्फ स्थायी कर्मचारी)जिंदल साउथ वेस्ट-1096 प्रति टन क्रूड स्टील, प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष (सिर्फ स्थायी कर्मचारी) जबकि 375 प्रति टन क्रूड स्टील, प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष (स्थायी कर्मचारी और ठेका मजदूरों को मिलाकर)पोसको-2140 प्रति टन क्रूड स्टील, प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष (सिर्फ स्थायी कर्मचारी)वरीय संवाददाता, जमशेदपुर आने वाले दिनों में टाटा स्टील के कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी (उत्पादकता) बढ़ाने का बढ़ाया जायेगा. इसका वर्क प्लान तैयार कर लिया गया है. एचआरएम विभाग की ओर से तैयार की गयी रणनीति के तहत वर्ष 2021 तक प्रति कर्मचारी की प्रोडक्टिविटी बढ़ानी है. टाटा स्टील के पुराने प्लांट यानी 6.8 मिलियन टन का प्रोडक्शन जहां होता था, वहां सबसे ज्यादा दबाव बनाया जायेगा. साथ ही कर्मचारियों पर होने वाले खर्च को भी कम करने की योजना है. एचआरएम विभाग द्वारा किये गये अध्ययन के मुताबिक टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में इंडियन बेंचमार्क (मानक) से तीन गुणा कम प्रोडक्टविटी है. वहीं, तीन मिलियन टन के नये प्लांट में बेहतर तरीके से प्रोडक्शन हो रहा है और वहां की प्रोडक्टिविटी पुराने प्लांट से कई ज्यादा है, लेकिन वहां भी सुधार की जरूरत है.2016 तक स्टील की डिमांड बढ़ने के आसार के मद्देनजर वीपी एचआरएम द्वारा मजदूरों और अधिकारियों को दिये गये संदेश में कहा गया है कि वर्ष 2016 तक वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन का मानना है कि दुनिया में 0.7 फीसदी की बढ़ोतरी स्टील के डिमांड में होगी. वहीं, इसकी डिमांड 1523 मिलियन टन तक पहुंच सकती है.चीन की डंपिंग ने नींद उड़ायीवीपी एचआरएम के अपने संदेश में कहा गया है कि चीन की डंपिंग ने उनकी चिंताएं बढ़ा दी है और खर्च की कटौती करना और कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ाना समय की मांग भी है. भारत में स्टील का आयात 100 फीसदी तक बढ़ चुका है और चीन के बेकार पड़े माल की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है, जो कम दाम पर ही स्टील बेच रहा है. इसको देखते हुए भविष्य की योजना बनायी गयी है.

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