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इलाज नहीं होने पर मौत संभव

जमशेदपुर: ऑक्सीजन की कमी होने से नवजात बच्चों में मस्तिष्क (ब्रेन) से संबंधित बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है. अगर समय पर इलाज नहीं कराया गया तो शिशु की मौत भी हो जाती है. सांस की बीमारी से बच्चों को कैसे बचाया जाये इस पर शुक्रवार को टेल्को के मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर (एमटीसी) में […]

जमशेदपुर: ऑक्सीजन की कमी होने से नवजात बच्चों में मस्तिष्क (ब्रेन) से संबंधित बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है. अगर समय पर इलाज नहीं कराया गया तो शिशु की मौत भी हो जाती है.

सांस की बीमारी से बच्चों को कैसे बचाया जाये इस पर शुक्रवार को टेल्को के मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर (एमटीसी) में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. आयोजन टाटा मोटर्स मेडिकल सोसाइटी, सीएसआर, यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला में झारखंड, बिहार सहित अन्य राज्यों से 70 डॉक्टर भाग ले रहे हैं. नवजात शिशु जिनको सांस की बीमारी है उनका इलाज कैसे करें, उनको वेंटिलेशन कैसे लगाया जाये, वेंटिलेशन के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, वेंटिलेशन पर रखने के तरीके आदि की जानकारी दिल्ली से आये डॉक्टर अशोक देवरारी ने दी.

इससे पूर्व टेल्को कंपनी के प्लांट डेट एबी लाल व दिल्ली से आये डॉक्टर अशोक देवरारी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया. डॉ लाल ने जमशेदपुर में इस तरह की कार्यशाला पहली बार आयोजित होने पर खुशी का इजहार किया. उन्होंने कहा कि बच्चों का सही समय पर इलाज होने से उनके मृत्यु दर को काफी कम किया जा सकता है. कार्यक्रम में टाटा मोटर्स के डॉक्टर एस नाथ, डॉ राजीव शरण सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

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