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नये सत्र में एडमिशन पर बैठक सर्फि आइवॉश (हैरी 4, 5)

नये सत्र में एडमिशन पर बैठक सिर्फ आइवॉश (हैरी 4, 5)- जिला शिक्षा विभाग ने शहर के निजी स्कूलों के साथ की बैठक- बैठक में सिर्फ 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर हुई चर्चा- निजी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया पर विभाग नहीं करेगा हस्तक्षेपसंवाददाता, जमशेदपुर शहर के निजी स्कूलों में नये सत्र (2016-17) में दाखिला प्रक्रिया […]

नये सत्र में एडमिशन पर बैठक सिर्फ आइवॉश (हैरी 4, 5)- जिला शिक्षा विभाग ने शहर के निजी स्कूलों के साथ की बैठक- बैठक में सिर्फ 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर हुई चर्चा- निजी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया पर विभाग नहीं करेगा हस्तक्षेपसंवाददाता, जमशेदपुर शहर के निजी स्कूलों में नये सत्र (2016-17) में दाखिला प्रक्रिया पर जिला शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को अघोषित छूट दे दी है. निजी स्कूलों में एडमिशन के संबंध में जिला शिक्षा विभाग हस्तक्षेप नहीं करेगा. वहीं दाखिले की प्रक्रिया सही है या नहीं, इसकी जांच भी नहीं की जायेगी. एडमिशन की पारदर्शिता के सवाल पर जिला शिक्षा विभाग ने मौन स्वीकृति दे दी है. दरअसल, सोनारी डीएवी स्कूल में सोमवार को एक बैठक हुई. इसमें जिला शिक्षा विभाग के पदाधिकारी, निजी स्कूलों के प्रिंसिपल अौर जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में सिर्फ 25 प्रतिशत गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित सीटों पर ही चर्चा की गयी. 10 सवाल, जिससे विभाग ने झाड़ा पल्ला 1- 75 फीसदी सीटों पर आम बच्चों का दाखिला कैसे होगा?2- लॉटरी की प्रक्रिया क्या होगी, अॉनलाइन या अॉफलाइन तय नहीं. 3- 90 फीसदी स्कूल अॉनलाइन लॉटरी के पक्ष में रहते हैं. लॉटरी किस सॉफ्टवेयर से होगी, तय नहीं. 4- स्कूल सूत्रों के अनुसार इस बार भी सरस (सॉफ्टवेयर) से ही लॉटरी होगी. हालांकि यह अपने लिटमस टेस्ट में फेल हो चुका है, इसके बाद भी इसी सॉफ्टवेयर से लॉटरी की आजादी क्यों?5- लॉटरी के वक्त कौन-कौन उपस्थित रहेंगे. कौन सरकारी पदाधिकारी, कौन आम लोग, कौन अभिभावक उपस्थित रहेंगे, तय नहीं. आखिर गुप्त लॉटरी क्यों?6- निजी स्कूलों की अोर से इंट्री प्वाइंट के लिए जितनी सीटों की जानकारी विभाग को दी जाती है, उतनी सीटों पर ही दाखिला लिया जा रहा है या इससे अधिक, इसकी जांच क्यों नहीं?7- जिला प्रशासन के साथ निजी स्कूलों की दलील है कि प्रशासन स्कूल के मामले में दखल नहीं दे सकता है, तो क्या पूर्व में जिला प्रशासन गलत करता रहा? सभी निजी स्कूल सबलीज की जमीन पर हैं, इस अनुसार जिला प्रशासन दखल देने को स्वतंत्र है. 8- निजी स्कूलों में खाली बीपीएल सीटों पर दाखिला लेने का पैमाना क्या था ?9- कमोबेश सभी निजी स्कूलों में गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला लिया गया है, उन्हें चार साल के बाद भी राशि क्यों नहीं दी गयी?10- सरकार ने 425 रुपये प्रति छात्र राशि तय की, जबकि सरकारी स्कूल में एक बच्चे पर सरकार का करीब 1200 रुपये खर्च होता है. दोनों में भेद-भाव क्यों?बैठक में ये थे उपस्थित जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष बेली बोधनवाला, कोषाध्यक्ष बी. चंद्रशेखर, एसडीएसएम स्कूल के चेयरमैन दिवाकर सिंह, राजेंद्र विद्यालय के प्रिंसिपल पीवी सहाय, एमएनपीएस की प्रिंसिपल आशु तिवारी, विद्या भारती चिन्मया विद्यालय की प्रिंसिपल विपिन शर्मा, एडीएल सनशाइन स्कूल की प्रिंसिपल इंद्राणी सिंह, बाल्डविन कदमा की डॉ शुभोश्री सरकार, एआइडब्ल्यूसी एकेडमी की जसबीर कौर गिल, जेपीएस की नमिता अग्रवाल, संत मेरीज इंग्लिश स्कूल के फादर डेविड विन्सेंट, बेल्डीह चर्च स्कूल के डी जॉन, दयानंद पब्लिक स्कूल की सुवर्णा मिश्रा, एसकेपीएस की नीला घोष, राम कृष्ण मिशन के रंजीत चौधरी समेत कई स्कूलों के प्रतिनिधि बगैर किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल को नहीं मिलेगी राशि बैठक में बताया गया कि गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला लेने वाले निजी स्कूल सीबीएसई या आइसीएसइ बोर्ड से मान्यता प्राप्त होना जरूरी है. जो स्कूल उक्त दोनों बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, उन्हें सरकार की ओर से राशि नहीं दी जायेगी. 16 दिसंबर तक डीएसइ अॉफिस में जमा करें आपत्ति विभाग की ओर से गठित टीम ने पोषक क्षेत्र तैयार कर लिया है. कई स्कूलों के पोषक क्षेत्र में कुछ क्षेत्र छूट गये हैं, तो कई स्कूलों के पोषक क्षेत्र में कुछ अतिरिक्त बस्तियों को जोड़ दिया गया है. इस परिस्थिति से निजात को लेकर विभाग की अोर से निजी स्कूलों को 2 दिनों का समय दिया गया है. 16 दिसंबर तक निजी स्कूलों को डीएसइ अॉफिस में पोषक क्षेत्र से संबंधित आपत्तियां जमा करनी है. 4 साल से नहीं मिला एक पैसा, अब कैसे लें एडमिशन बैठक में बी चंद्रशेखर अौर दिवाकर सिंह ने कहा कि अब तक वे गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला साल दर साल ले रहे हैं. निजी स्कूल अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करे अौर जल्द से जल्द बकाया राशि भुगतान करे. 425 रुपये किसी सूरत में स्वीकार नहीं : बोधनवाला बैठक में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष बेली बोधनवाला ने कहा कि सरकार की अोर से प्रति छात्र 425 रुपये तय किये गये हैं. यह गलत है. उन्होंने साफ तौर पर घोषणा की कि किसी भी हाल में प्रति छात्र 425 रुपये की राशि स्वीकार नहीं की जायेगी. इस राशि में इजाफे की मांग की गयी. 6 महीना इंतजार नहीं करना पड़ेगा गरीब अौर अभिवंचित बच्चों के एडमिशन के लिए इस बार डीएसइ अॉफिस की अोर से निजी स्कूलों को बच्चों की सूची भेजी जायेगी. उक्त बच्चों का दाखिला गरीब व अभिवंचित वर्ग की कैटगरी में दाखिला लेना होगा. इस सूची को भेजने के साथ ही एडमिशन लेने के लिए भी कट अॉफ डेट घोषित कर दी जायेगी. तय समय तक बच्चों का दाखिला ले लेना है. अब 6 महीने तक बच्चों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

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