।।संजीव भारद्वाज।।
जमशेदपुरः मदरसा फैजुल उलूम ने मदरसा में कैमरायुक्त-मल्टीमीडिया मोबाइल पर पाबंदी लगा दी है. मदरसा में दूर-दराज से पढ़ाई के लिए आनेवाले छात्र साधारण मोबाइल अपने पास बात करने के लिए रख सकते हैं.
क्लास में किसी भी प्रकार के मोबाइल पर पाबंदी रहेगी. क्लास खत्म होने के बाद अपने कमरे में जाकर छात्र मोबाइल का इस्तेमाल करेंगे. यदि किसी छात्र के पास कैमरा-मल्टीमीडिया वाला मोबाइल मिलता है तो उसे जब्त कर चेतावनी दी जायेगी. उसके बाद दोबारा मोबाइल मिलने पर उसे मदरसा से रुखसत भी किया जा सकता है.
मदरसा फैजुल उलूम के महासचिव हाफिज इसरार अहमद ने बताया कि मदरसे में मल्टीमीडिया मोबाइल पर पाबंदी लगानी जरूरी है. मल्टीमीडिया मोबाइल से फेसबुक ऑपरेटिंग, ब्लू टूथ के जरिये वीडियो क्लीप ट्रांसफर से छात्रों के नैतिक बल में गिरावट आ सकती है. विद्यार्थियों का 14 से 20 वर्ष की आयु का दौर सबसे ज्यादा मुश्किल होता है. विद्यार्थी इसलामिक पढ़ाई में ध्यान लगाये तो उसे आसानी से कामयाबी मिल सकती है, लेकिन मल्टीमीडिया मोबाइल से भटक गया तो उसे रास्ता दिखाना बेहद मुश्किल काम हो सकता है. इसलामिक नजरिये से भी मल्टीमीडिया मोबाइल को गलत करार दिया गया है. खासकर इसके कैमरे और वीडियो विकल्प की वजह से छात्रों के गलत संगत में पड़ने का खतरा रहता है. उन्होंने किसी गैर मर्द या औरत की अश्लील क्लिपिंग देखने को इसलामिक नजरिये से हराम करार दिया. उन्होंने बताया कि अधिकांश मदरसों में मल्टीमीडिया मोबाइल पर पाबंदी लगायी जा चुकी है.